संदीप सिंह कहानी: भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और हरियाणा सरकार में खेल मंत्री रहे संदीप सिंह एक बड़े विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। संदीप सिंह पर एक महिला कोच ने यौन उत्पीडऩ के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद उन्हें अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ा है। संदीप ने आरोप की बात सामने ही अपना मंत्रालय हरियाणा के खुश लाल खट्टर को सौंप दी और कहा कि पूरे मामले की जांच रिपोर्ट के बाद ही वह खेल मंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे।
संदीप की बात करें तो वह भारतीय हॉकी के स्टार खिलाड़ी हैं। 36 साल के संदीप ने राजनीति में उतरने से पहले खेल मैदान में खूब झंडे गाड़े। वर्ष 1987 में विकसित संदीप सुल्तान अजलन शाह कप में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बने। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2004 में ही एथेंस ओलंपिक में भाग लिया और उसी दौरान ओलंपिक खेलने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय हॉकी खिलाड़ी भी बन गए।
हॉकी में बनाए कई कीर्तिमान
संदीप एक समय भारतीय हॉकी में तेजी से अपनी पहचान बना रहे थे देश के स्टार ड्रैग फ्लिकरों में उनकी गिनती शुरू हो गई थी। लेकिन उनके साथ हुए एक हादसे ने उनका हॉकी करियर लगभग खत्म कर दिया। संदीप सिंह 2005 में जबरदस्त फॉर्म में थे और इसी दौरान उन्होंने जूनियर वर्ल्ड कप में गोलों की झड़ी दावेदारी पूरी तरह से सुरक्षित बटोरीं और फिर अगले साल 2006 में जर्मनी में होने वाले सीनियर वर्ल्ड कप की तैयारियों में जुट गए, लेकिन 22 अगस्त, 2006 को टूर्नामेंट से कुछ दिन पहले संदीप एक भयानक हादसे का शिकार हो गए।
ट्रेन यात्रा के दौरान हुए हादसों का शिकार
दरअसल संदीप अपने साथी राजपाल सिंह के साथ शताब्दी ट्रेन में यात्रा कर रहे थे और इसी दौरान यात्रा के दौरान गलती से रेलवे सुरक्षा बल के गार्ड ने उनकी पीठ थपथपाई। इसकी वजह से वह काफी दिनों तक चंडीगढ़ के पीजीआईएम वरीयता में भर्ती और हॉकी से लंबे समय तक दूर हो गए। संदीप ने हालांकि हिम्मत नहीं हारी और दो साल बाद 2008 में सुल्तान अजलन शाह कप के जरिए भारत के लिए फिर से हॉकी खेलना लौटा दिया। उस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल नौ गोल दागे।
संदीप के कप्तानी में भारत ने रचा इतिहास
संदीप सिंह को उसी वर्ष 2009 में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया और फिर उनकी कप्तानी में भारत ने 13 साल बाद सुल्तान अजलान शाह कप का खिताब जीता। संदीप ने इस टूर्नामेंट में छह गोल दागे और इसकी वजह से वह सबसे अच्छे खिलाड़ी बने फिर गए। संदीप के नेतृत्व में भारत ने 2012 में लंदन ओलम्पिक में जगह बनाई, जिसमें उनका अपना योगदान अहम रहा।
करियर में 150 से अधिक गोल दागे
पूर्व भारतीय कप्तान की काबिलियत की बात करें तो उन्हें उनके खेल की वजह से लोगों ने ‘फ़्लिकर सिंह’ के नाम से भी कॉलना शुरू कर दिया था। संदीप उस समय 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ड्रैग-फ्लिक करते थे, जो दुनिया में सबसे तेज देखा जाता था। उन्होंने अपने करियर में भारत के लिए 150 से अधिक गोल किए और साल 2016 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला।
राजनीति में 2019 में मारी एंट्री
हॉकी मैदान से चमक के बाद संदीप सिंह ने राजनीति की ओर रुख किया और भारतीय जनता पार्टी के टिकट से 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में पिहोवा से चुनाव लड़े और तब कांग्रेस के मनदीप सिंह को 5,000 से अधिक वोटों से हराया। संदीप की लोकप्रियता से पार्टी को भी खुशी हुई और उन्होंने फेसबुक के लिए हरियाणा में एक सिख चेहरा भी बन गया, जिसके बाद उन्हें लाल खट्टर सरकार में खेल मंत्री बनाया गया।
क्या हैं आरोप?
राज्य की एक महिला जूनियर एथलेटिक्स कोच की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होने के एक दिन बाद यह घटना हुई। सिंह पर महिला कोच को गिरवी रखने और धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है।