मुकेश चंद माथुर। जिन्हें मुकेश के नाम से जाना जाता है। वो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन फिंगर्स में से एक रहे। उन्होंने ‘दिल जलता है तो अंदेशा दे’, ‘क्या खूब लगें’, ‘धीरे बोलो कोई सुन ना ले’, ‘जीना यहां, मरना यहां’ जैसे कई हिट और संस्कारी गाने गाए। लेकिन इस शिखर तक पहुंचने के बाद भी उन्हें 6-7 साल तक संघर्ष करना पड़ा। घर की आर्थिक स्थिति ऐसी हो गई थी कि बच्चों का स्कूल भरण-पोषण नहीं किया गया था। खास में मांगी- हारकर मुकेश को एक सब्जीवाले से कर्ज लेना पड़ा। दिग्गज सिंगर के बेटे नितिन मुकेश ने ये किससा शेयर किया है। वो टीवी शो ‘सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स’ का स्पेशल एपिसोड जल्द ही आएगा। उन्हें पता चला कि ‘आवारा हूं’ और ‘मेरा जूती है जापानी’ जैसे हिट गाने वाले उनके पिता भी स्ट्रगल जीते हैं।
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