
सार्क कॉन्फ्रेंस में मुशर्रफ ने अटल विरासत फोटोग्राफी से हैंडशेक किया था
साल 2002…नेपाल में हो रहा था सरकार सम्मेलन…। पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ बोलने के लिए उठे और अपने साझेदारों में भारत से अच्छे संबंध की दुहाई दी। फिर अचानक मंच पर ही बैठे हुए प्रधानमंत्री अटल विहारी के पास पहुंचे और अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए हाथ मिला लिया। इस पर सभी चौंक गए थे। दरअसल, मुशर्रफ पाकिस्तान की सेना के ये वही जनरल थे जिन्होंने 1999 में कारगिल की कहानी लिखी और फिर मुंह की बे थी।
1999 में ही मुशर्रफ के समय कंधार विमान का अपहरण हुआ था। लेकिन इन सबके बाद भी मुशर्रफ ने भारत के साथ अच्छे रिश्तों की बात बहुत अचानक मंच पर ही अटलजी से हाथ फैलाई। ये अलग बात है कि अटलजी ने भी आगे बढ़कर उनसे हाथ मिलाया, पर बात में ऐसा करारा जवाब दिया कि मुशर्रफ इस जवाब को लंबे समय तक नहीं भूले।
एसपी 2002 सरकार स्मिट में मुशर्रफ ने भारत के लिए क्या कहा था
सन् 1947 में हुए बंटवारे के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्तेते बंधे हुए। 4 से 6 जनवरी 2002 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में 11वें सार्क सम्मेलन का पद था। यह सार्क समिट भारत की संसद पर हमले, कारगिल का जंग और ऐतिहासिक आगरा सम्मेलन के बाद हो रहा था। मुशर्रफ इस सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। मुशर्रफ ने अपने भाषण में कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी मसलों को काम के तरीके से हल करना चाहता है। वह भारत के साथ मिलकर संबंध चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि वह इस सम्मेलन के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्रियों के सामने दोस्ती के हाथ दिखाते हैं।
मुशर्रफ ने दुनिया को जोड़कर चौंका दिया था
सार्क सम्मेलन के दौरान मुशर्रफ अपना भाषण देकर पोर्डियम से उठे थे। टैग से हाथ मिलाकर मुशर्रफ ने सालगिरह को चौंका दिया था। लेकिन इसके बाद टैग ने जो कुछ किया, उसका उम्मीद खुद मुशर्रफ को नहीं था। टैगलाइन ने कुछ ही दस्तावेजों के बाद मुशर्रफ को करारा जवाब भी दिया। इस सम्मेलन में कहा गया था, ‘मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति मुशर्रफ ने मेरी ओर दोस्ती के हाथ जोड़े हैं। मैंने आप सभी की मौजूदगी में उनसे हाथ मिलाया है। अब मुशर्रफ को अपने इसी भाव को आगे बढ़ाना होगा।’ मैंने दावा किया है कि ‘मुशर्रफ को वादा करना होगा कि वह पाक या इससे लगी सीमाओं में उन गतिविधियों को जारी नहीं रखेंगे जो भारत के खिलाफ हों।’
मुशर्रफ को टैग ने याद किया था ये बात
ब्लॉगर के लहजे में कहा कि लाहौर के बाद भारत को कारगिल युद्ध का तोहफा मिला। काठमांडू से भारतीय एयरलाइंस के विमान को हाइजैक कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना के एक महीने बाद यानी फरवरी 2002 में मुशर्रफ ने जब एक जापानी मीडिया को इंटरवीयू दिया तो उन लोगों से हाथ मिलाना उनके जीवन का सबसे मुश्किल फैसला था।



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