
आसान हो कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा को असित मोदी ने प्रस्तुत किया है, जबकि मालव रजदा और धर्मेश मेहता सहित अभिषेक शर्मा और हर्षद जोशी ने इसे निर्देशित किया। हालांकि कुछ हफ्ते पहले मालव रजदा ने इस शो को छोड़ दिया। वे पहले भी कई और कलाकार ‘तारक मेहता’ को अलहाये कह चुके हैं। खैर, यहां बात हो रही है कि ‘तारक मेहता’ से जुड़े मनसे विवाद की।
हिंदी को बताया गया था मुंबई की आम भाषा
इस शो के एक एपिसोड में दावा किया गया है कि हिंदी मुंबई की आम भाषा है। शो में चंपक अंकल की स्पष्टता वाले अमित भट ने ‘तारक मेहता’ के एक एपिसोड में हिंदी को मुंबई की भाषा में हिंदी कहा था। इसी बात पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भड़क गई। उन्होंने शो के प्रोड्यूसर के रूप में मोदी और अभिनेता अमित भट से चौंकाने के लिए कहा। अमित ने तो जोक मांग ली, लेकिन असित मोदी ने जोक नहीं किया। इसी बात पर बवाल और बढ़ोतरी हुई।
‘माफी नहीं जिम्मेवार तो नहीं होने वाली शूटिंग’
एमएनएस ने चेतावनी दी है कि अगर मोदी जोकर नहीं होगा तो वह शो की शूटिंग नहीं करेगा। साथ ही शो के मेकर्स को नोटिस तक जारी किया गया। यही नहीं, एमएनएस फिल्मम स्टाफ के बताए अमेया खोपकर ने ‘तारक मेहता’ के निर्माताओं को ‘गुजराती कीड़े’ बताते हुए धमकी दे डाली थी कि वो शो में काम कर रहे महाराष्ट्रियन कलाकारों को सब सिखाएंगे। उन्हें शर्म आनी चाहिए।
असित मोदी ने दी थी सफाई, जॉय मजाक
विवाद बढ़ने पर असित मोदी ने तब ट्विटर पर सफाई दी थी। उन्होंने लिखा था, ‘मुंबई महाराष्ट्र में है और हमारे महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी ही है। इसमें कोई डाउट नहीं है। मैं भारतीय हूं। महाराष्ट्रियन हूं और गुजराती भी हूं। मैं संपूर्ण भारतीय आकाश गंगा का सम्मान करता हूं। जय हिंद।’
असित मोदी की मजाक के साथ ही ‘तारक मेहता के ऑनसाइड चश्मा’ शो के लिए चुने गए ट्विटर हैंडल से भी एक वीडियो शेयर कर जोक लिया गया था। वहीं अमेया खोपकर ने यह भी कहा था कि ‘तारक मेहता’ के निर्माताओं को संभव है कि मुंबई में मराठी भाषा ही सबसे ज्यादा बोली जाती है। लेकिन उन्होंने फिर ऐसा किया, यह उनका प्रचार है।



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