इस बार होलिका दहन 07 मार्च को होगा और 8 मार्च को होली खेली जाएगी। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर होगी और समापन 07 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। भद्रा काल का समय 06 मार्च को शाम 04 बजकर 48 मिनट पर शुरू होगा और 07 मार्च को सुबह 05 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा।
होलिका दहन 2023 कोरोना संकट के लंबे समय बाद इस साल लोग बिना किसी डर के होली खेलेंगे। पिछले 2 साल से संभलकर और खतरों से बचा हुआ रंग खेला जा रहा था वहीँ कई लोग इससे बच भी रहे थे लेकिन अब इस साल कोरोना का कोई संकट नहीं है। होलिका दहन 6 या 7 मार्च को होगा, इसे लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इस बार होली से पहले लगने वाला होलाष्टक नौ दिन हो रहा है। वैवाहिक स्थिति के अनुसार, यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक होती है। यह सोमवार से शुरू हो गया है और 7 मार्च तक रहेगा। मान्यता है कि इसमें कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। होलाष्टक के दौरान प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और योजनाओं के स्वभाव भी उग्र होते हैं। ऐसे में उपनयन संस्कार, निर्माण कार्य, विवाह, विदाई, मुंडन, आज्ञापत्र, नए व्यवसाय की शुरुआत, संपत्ति की खरीदारी और गृह प्रवेश जैसे कार्य नहीं करने चाहिए।