
राम मंदिर
नई दिल्ली: यूपी की अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जमानत याचिका सामने आई थी। उन्होंने ये बताया था कि अयोध्या में राम मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे काफी नाराज थे। उन्होंने शाह पर साधते हुए शुक्रवार को कहा था कि क्या आप राम मंदिर के पुजारी हैं? क्या आप राम मंदिर के महंत हैं? महंतों, साधुओं और संतों को इस बारे में जानकारी दें।
खड़गे ने कहा, ‘मंदिर के खुलने के बारे में बोलने वाले आप कौन होते हैं? आप एक राजनेता हैं। आपका काम देश को सुरक्षित रखना, कानून व्यवस्था बनाए रखना लोगों के लिए भोजन सुनिश्चित करना और किसानों को सही कीमत देना है।’ बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने हाल ही में घोषणा की थी कि अयोध्या में राम मंदिर 1 जनवरी, 2024 को तैयार होगा। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार (6 जनवरी) को शाह पर निशाना साधा।
क्या है राम मंदिर के पीछे का आकर्षण?
शाह देश के गृह मंत्री हैं और मौजूदा हालात में उन्हें राम मंदिर द्वारा दिया गया बयान बड़ी अहमियत रखता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में जो फैसला सुनाया था, उसके अनुसार कहा गया था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन को राम मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा। इस ट्रस्ट को तीन महीने के लिए स्थापित किया जाना था। जिसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी, 2020 को 16 जून को ट्रस्ट के गठन की घोषणा की। ट्रस्ट में 15 सदस्य हैं, जिनमें से 12 को भारत सरकार द्वारा नामित किया गया था और 3 को 19 फरवरी, 2020 को अपनी पहली बैठक आयोजित करने के लिए चुना गया था।
ट्रस्ट में कौन-कौन हैं?
ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत गोपाल नृत्य दास हैं और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव हैं। इसके कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि हैं। वरिष्ठ वकील के परासरन संस्थापक ट्रस्टी सदस्य हैं, जबकि अन्य सदस्यों में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी विश्वप्रसन्नातीर्थ, युगपुरुष परमानंद गिरि, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, अनिल मिश्रा, कामेश्वर चौपाल और महंत दिनेंद्र दास शामिल हैं।
पदेन सदस्यों में नृपेंद्र मिश्रा, (पीएम मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव) अवनीश के अवस्थी, उत्तर प्रदेश के प्रभार की सलाह, अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) शामिल हैं और आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार हैं। ट्रस्ट की वेबसाइट के अनुसार, मंदिर की निर्माण समिति में सात सदस्य हैं, जिनके अध्यक्ष मिश्रा हैं। अन्य छह में उत्तराखंड सरकार के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह समेत कई अहम लोग हैं। ट्रस्ट ने 11 नवंबर, 2020 को निर्माण समिति को मंजूरी दी थी।



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