
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन और अचल संपत्तियों की सरकारी कीमत (Collector Guideline Rate) बढ़ाने की तैयारी जोरों पर है। सरकार चाहती है कि गाइडलाइन दर और बाजार मूल्य के बीच का अंतर न्यूनतम हो, ताकि संपत्ति की सही कीमत तय की जा सके।
राज्य सरकार ने रिहायशी कॉलोनियों, वाणिज्यिक क्षेत्रों और अन्य इलाकों में जमीन के प्रचलित बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए भौतिक सर्वे शुरू किया है। साथ ही, बैंकों से लोन स्वीकृति के दौरान किए गए मूल्यांकन की जानकारी भी ली जा रही है, ताकि संपत्तियों की वास्तविक कीमतों का सही आकलन हो सके।
रायपुर में 7 वर्षों से नहीं बढ़ी गाइडलाइन दरें
रायपुर जिले में 2017 से कलेक्टर गाइडलाइन की दरें नहीं बढ़ी हैं, जबकि हकीकत में बाजार मूल्य 2 से 4 गुना तक बढ़ चुका है। ऐसे में इस बार गाइडलाइन दरों में वृद्धि की संभावना अधिक है। रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है, जल्द ही इसे मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
कैसे तय होगी नई जमीन दर?
पंजीयन विभाग के अनुसार, 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन दरों के निर्धारण को लेकर सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं। मूल्य निर्धारण के लिए:
- पटवारियों और तहसीलदारों से रिपोर्ट
- निर्माण लागत, सरकारी और नीलामी मूल्य का विश्लेषण
- रोड किनारे स्थित व्यावसायिक और आवासीय कॉम्प्लेक्स के लिए विशेष दरें
- 40 फीट से अधिक चौड़ाई की सड़क को मुख्य मार्ग माना जाएगा
गाइडलाइन रेट बढ़ाने की प्रक्रिया
- 31 मार्च 2025 – उप जिला मूल्यांकन समिति को सभी कार्यवाही पूरी करनी होगी।
- 15 अप्रैल 2025 – केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को प्रस्ताव सौंपे जाएंगे।
- 2025-26 से संभावित नई दरें लागू
छत्तीसगढ़ में बढ़ेंगी जमीन की कीमतें?
नियमों के अनुसार, हर साल कलेक्टर गाइडलाइन दरों का पुनरीक्षण किया जाना चाहिए, लेकिन पिछले 7 वर्षों से इसे नहीं बढ़ाया गया। इस बार बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों को समान स्तर पर लाने के लिए सरकार बड़ा बदलाव कर सकती है। इससे रियल एस्टेट, निवेशकों और आम जनता पर असर पड़ेगा।
रायपुर और अन्य जिलों में जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं? तो नई गाइडलाइन दरें लागू होने से पहले फैसले लें!