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2007 में गिरिडीह में हुए नरसंहार के दशक में यादव को गिरफ्तार किया गया।
नरसंहार में बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूपलाल मरांडी को भी छोड़ दिया गया था।
घटना के 15 साल बाद शक हो सकता है कुख्यात कोल्हा यादव की गिरफ्तारी।
गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिले में एसएसबी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने चिलखारी नरसंहार की घटना में कोशा यादव को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इसी गांव में राज्य के पहले बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी की भी हत्या हुई थी। इस कांड के कोल्हा यादव का भी नाम सामने आया था जो कार चालकों के इस दस्ते में शामिल थे, लेकिन अबतक वो सुरक्षाबलों को चकमा दे भइरा था।
बताया जा रहा है कि एसएसबी को सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश कोल्हा यादव भेलवाघाटी थाना क्षेत्र में स्थित अपने घर आया है। इसके बाद एसएसबी और पुलिस की टीम ने लुका कर कोल्हा यादव को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
26 अक्टूबर 2007 का वो दिन आज भी लोगों के मन में लिस्ट बनाता है। इस दिन बेटियों ने अपने सिनिस्टर को 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस नरसंहार मे प्रदेश के पहले बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी की भी मौत हो गई थी।
आपके शहर से (रांची)
कट्टरपंथियों ने अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल मैच को चुना था। ये टूर्नामेंट चिलखारी में स्थित मैदान मे आयोजित किया गया था। इसी दौरान बड़ी संख्या में किशोर उम्र से कमियां आईं और अंधाधुंध शूटिंग कर लीं। दोषियों की इस कार्रवाई में 20 लोग असमय ही काल के गाल में समा गए।
विवरण दें कि पुलिस की विवरणी में आए थे। इसके बाद माओवादियों ने मंच पर चढ़कर माइक से चेतावनी दी और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। अचानक हुए इस हमले में सामने बैठे अनूप मरांडी, सुरेश हांसदा, अजय सिन्हा, जिम्मेदार मनोज किस्कू, मुन्ना हेब्रम, चरकू हेम्ब्रम, केदार मरांडी, उस्मान अंसारी, सुशील मरांडी सहित 20 लोगों की मौत हो गई थी।
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पहले प्रकाशित : 03 फरवरी, 2023, 11:13 IST