रिलेशनशिप में रिलेशनशिप में किंक और हंसी मजाक होना बहुत जरूरी है, नहीं तो रिश्ते बेजान, बेमिसाल और महज़ एक फॉर्मेलिटी ही महसूस होते हैं। क्या आप भी कभी ऐसे किसी मोड़ से जुड़ जाते हैं, जहां हमसफ़र के साथ तो है, मगर मच्छर नहीं। हमसफ़र के प्रति जज़्बात तो है, मगर वो खिंचाव नहीं, जो दो लोगों को एक दूसरे के सामने आने पर महसूस होता है।
कई बार ऐसा भी होता है कि जब कोई हमारा दिखावट हमारे सामने झलकता है, तो हम उसे फील नहीं करते हैं और जैसे ही उससे दूर जाने का मन बनाता है, न जानें कहां से और कैसे, वो पुरानी बातें और पढ़ने वाली कहानियां कहानियां हमारे ज़हन में खुद ब खुद घर कर जाते हैं। हम फिर कुछ रूक जाते हैं। अगर आपको भी अपना रिश्ता लगता है। आपका अभिनय आपको अपने तनाव की वजह से होने लगता है।
तो इन बातों पर एक बार जरूर गौर करें। आइए इसके बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ राजकुमार पंत से जानते हैं कि क्या किया जाए, जब पति पत्नी को अवैध जीवन जीने का बंधन लगे
अपने अभिनय के बिना अपना भविष्य देखें
बार-बार मी टाइम न मिलने के कारण महिलाओं को ऐसा लगता है कि उन्हें अपना जीवन अकेले ही बिताना चाहिए। मगर इस तरह का बड़ा फैसला लेने से पहले एक बार फुचर प्लान्स पर नजर दौड़ रही है। फिर जकड़ें और समझें कि आपकी उस सपनों की दुनिया में आप खुद को अपने पार्टनर (पार्टनर्स) के साथ खुश महसूस कर रहे हैं। अगर नहीं, तो पक्का है कि आपके रिश्तों में अब कड़वाहट आ चुकी है और वो टूटने के मोड़ पर है।
आपसी झगड़ों को केलुलेट करके देखें
कभी-कभी किसी बात पर बहस होना या बात न करना नार्मल लाइफ का एक हिस्सा है। लेकिन अगर आप रोज ऐसी सिचुएशन (Situation) से बुजुर्ग ऑफिस जा रहे हैं। काम पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं, तो आप धीरे-धीरे तनाव की ओर बढ़ती उम्र की झलक पा रहे हैं। हर बार एक दूसरे में खराबी और दूसरों के सामने अपने अभिनय से समेटना। दिखाएँ, रिश्तों को खोखला बनाने का काम करता है। ये संबंध संबंध में आपसी प्रेम की कमी को एक मानते हैं।
जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें
सालों तक जो दो लोग एक साथ रहते हैं, वो कुछ दोटी छोटी-छोटी बातों के कारण एक दूसरे से कई बार दूरी बना लेते हैं। संख्यांकन का मानना है कि वाकप्लेस होने पर दैनिक रूप से उनकी निजी जिंदगी प्रभावित होती है। वे अपना गुस्स अपने अभिनय पर निकालते हैं। ऐसी बातों को अंदाज कर आपका भविष्य (भविष्य) के लिए पोस्ट पोस्ट होता है। मगर फैमिलीज को अक्सर देखा जाता है कि संबंधों के टूटने की अनुमान ज्यादा रहती है। ऐसा क्यों है कि वहां आपको समझने वाला नहीं होता है। लेकिन फिर भी किसी भी रोग को जल्दबाजी में लेने से बचना चाहिए।
हेल्दी टॉक को न करें
दो लोग जब आप में एक और से नाराज हो जाते हैं या एक दूसरे से परेशान होते हैं, तो ऐसे में एक बार बात कर ली जाती है। बिना बात किए अगर आप किसी जजमेंट पर पहुंच जाते हैं, तो वो आपका सेल्फ डिसाइजेशन ही है। दूसरों को सुनाई और जरूरी है और आपकी बातों को दूसरों के लिए अलग रखना भी आवश्यक है। कहते हैं, बातचीत हर काम को नाकाम कर देती है। फिर दो लोग जो आपोज़िट के साइड में भाग रहे हैं। वे भी एक साथ घूमना शुरू कर देते हैं।
वास्तविक कारण पहचानें
मापदंड का कहना है कि हम कई बार अपने पार्टनर को हर परेशानी के लिए जिम्मेदार बताते हैं। उससे अलग होने का मन बना लेते हैं। मगर बातचीत के बाद यह बात पूरी तरह से हो जाती है कि अलग-अलग होने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं है। ये बात सच है कि पति पत्नी के बीच विवाद होना एक आम बात है और बहुत से विवाद ऐसे होते हैं, वास्तव में कोई मुख्य कारण नहीं होता है।
किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें
हो सकता है कि आपका निर्णय एकतरफा हो, ऐसे में मनोचिकित्सक से बातचीत करने पर विचार अवश्य करें। उनकी समस्या डिस्कस करें या उनके सुझावों को भी ध्यान से सुनें।
अपने माता-पिता से अपनी परेशानी की डिस्कस करें।
अपने अलावा अपने बच्चों के बारे में आकर्षित और एक हकल्दी रोग लें।
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