
दिल्ली एसिड अटैक
दिल्ली एसिड अटैक: दिल्ली के द्वारका में आज सुबह 7:30 बजे एक स्कूल जा रहे होस्ट पर एसिड अटैक किया गया। पीड़ित लड़की की हालत इतनी गंभीर है कि उसके सफदरजंग अस्पताल के ई-कार्ड में भर्ती की जांच की गई है। दिल्ली पुलिस का यह मामला कहता है कि सुबह करीब 9 बजे उनकी पीसीआर की घंटी बजती है, फोन के दूसरी तरफ से बोल रहा है कि द्वारका के पीएस मोहन गार्डन एरिया में एक 17 साल की लड़की पर तेजाब से हमला किया गया है।
इस हमले को दो बाइक सवार हमलावरों ने सुबह करीब 7:30 बजे अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि जब पीड़िता पर हमला हुआ तो वह अपनी छोटी बहन के साथ स्कूल जा रही थी। पीड़िता की छोटी बहन का कहना है कि वह दोनों साथियों को प्रतिबंधित करती है, इसी की बिना पर दिल्ली पुलिस ने एक बहस को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
‘तेजाब मेरी बेटी की आंखों में चला गया’
लड़की के पिता इस पूरे मामले में कहते हैं कि सुबह उनकी छोटी बेटी बदहवास अवस्था में भागी हुई आई और मुझसे कहा कि दीदी पर तेजाब से हमला हुआ है। जिन दोनों लड़कों ने हमला किया, उनका चेहरा ढंका हुआ था। पीड़ित लड़की के पिता ने कहा कि यह हमला इतना सिनिस्टर था कि तेजाब मेरे चेहरे के साथ मेरी बेटी की दोनों आंखों में चला गया।
तेजाब पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता?
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस हमले पर कहा, ‘देश की राजधानी में दिन दहाड़े एक पीड़ित लड़की पर 2 बदमाश दबंगई से तेजाब फेंक कर निकल जाती हैं। क्या किसी को भी अब कानून का डर है? तेजाब पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता? शेम।’ वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस मामले पर कहते हैं, ‘ये ठीक से नहीं छोड़ें। अपराधियों की इतनी हिम्मत कैसे हुई? अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। दिल्ली में हर बेटी की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है।’
कानून ऐसे घिनौने अपराध के लिए क्या सजा देता है
ऐसे अपराध के लिए वह किसी भी कठोर सजा को कम कर देता है। लोग तो सोशल मीडिया पर यहां तक कह रहे हैं कि इन लोगों का एनकाउंटर कर देना चाहिए। कुछ तो कह रहे हैं कि किसी के चेहरे पर तेजाब फेंक दें, तब उन्हें इसका दर्द होगा। हालांकि, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां किसी भी अपराध के लिए सजा कानून के हिसाब से ही मिलता है।
कानून के तौर पर देखें तो ऐसे अपराध के लिए आईपीसी की धारा 326ए और 326बी के तहत सजा का प्रावधान है। यानी अगर कोई व्यक्ति किसी पर शकाब फेंकता है तो उसे कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्र दी जा सकती है। इसके साथ ही यह गैरजमानती अपराध की श्रेणी में आता है, अर्थात इस मामले में निर्णय को न्यायालय से जमानत नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट एसिड अटैक का आरोप है कि अगर किसी पर तेजाब से हमला किया जाता है तो उसे कम से कम 3 लाख रुपये होंगे। मुआवजा के एक लाख तो 15 दिनों के अंदर ही देना होगा। वहीं, बाकी के दो लाख रुपए दो महीने के अंदर पहुंच जाएंगे।
तेजाब खरीदने और बेचने का क्या नियम है?
तेजाब की खरीद और बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है, जिसके अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को नोटिस नहीं दिया जाएगा। तेजाब खरीदने और बेचने के लिए पंजीकृत को अलग से एक रजिस्टर होना होगा। जिसमें खरीदने वाले का पूरा विवरण दर्ज करना होगा। इसके साथ ही बिना पहचान पत्र, पता प्रमाण और वाजिब कारण के तेजाब नहीं दिया जाएगा।
चिकित्सा और शिक्षा के उद्देश्य से ठीक में तेजाब लेने से पहले एसडीएम से आदेश लेना जरूरी होगा। इसके साथ ही एसडीएम के साथ इतनी बड़ी मात्रा में एसिड के इस्तेमाल की निगरानी भी की जाएगी। अगर कोई तेजाब को लेकर दिए गए निर्देशों का सही से पालन नहीं किया गया तो पचास हजार जुर्माना ठोंका जाएगा। तेजाब को लेकर तमाम टिप्पणियां स्थानीय भाषा में विज्ञापन देने का भी आदेश है।
- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
ख़बरों को लेकर शिकायत, सुझाव एवं विज्ञापन के लिए यहाँ क्लिक करें




