
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। कवर्धा में बालाजी हनुमान मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए पहुंचे बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अखाड़ा परिषद द्वारा महाकुंभ में गैर-हिंदू को दुकान न देने के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों में उन्हीं को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, जिन्हें सनातन संस्कृति, पूजा-पाठ की मर्यादा और धार्मिक सामग्री की शुद्धता का संपूर्ण ज्ञान हो।
पंडित शास्त्री ने कहा कि जिन लोगों को इन चीजों की जानकारी नहीं है, वे इन कार्यों में अनिष्ट ही करेंगे। उनके अनुसार, महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में गैर-हिंदुओं का प्रवेश और भागीदारी पूरी तरह से वर्जित होनी चाहिए। इस पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम,” यह बयान उनके दृष्टिकोण को साफ तौर पर प्रकट करता है।
इसके साथ ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने छत्तीसगढ़ में विकास और सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में बागेश्वर बालाजी मंदिर के निर्माण का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल होगा, बल्कि समाज में एकता, सद्भाव और भेदभाव रहित समाज की प्रेरणा का केंद्र बनेगा। यह मंदिर विशेष रूप से समाज को अंधविश्वास से दूर रखने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है, जिससे सनातन संस्कृति की जड़ों को और मजबूती मिलेगी।
पंडित शास्त्री ने आगे “वही बाटोगे तो काटोगे” बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जो लोग समाज में नकारात्मकता और अशांति फैलाते हैं, उन्हें समाज से अलग रखने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म और संस्कृति की वृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहते हुए लोगों से इस दिशा में सहयोग की अपील की।



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