
जून 2021 की शुरुआत में राष्ट्रपति जो बाइडेन के अमेरिकी प्रशासन ने बिल बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) कार्यक्रम को मूल्य-आधारित, योग्यता और प्रोजेक्ट के रूप में घोषित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा अहम क्यों जा रही है? इस यात्रा से भारत और विश्व क्या तीक्ष्णताएँ हैं? पीएम मोदी के अब तक के तमाम अमेरिकी दौरों में इसे सबसे अहम और उलझा हुआ क्यों माना जा रहा है? क्या पीएम मोदी भारत-अमेरिका के संबंधों को नए स्तरों पर ले जाने में सफल होंगे? इस दौरे का बाकी दुनिया पर क्या असर होगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में सातवीं बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं। हालांकि, उनकी यह पहली राजकीय यात्रा है। अब पीएम मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं, जहां बाइडेन के साथ उनकी सीपीईसी और बीआरआई पर बात हो सकती है। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर जा सकते हैं जहां वो बाइडेन के साथ सीपीईसी और बीआरआई पर भी बात कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी सीपीईसी और बीआरआई से डील के प्रभाव के तरीके पर बात करेंगे।
क्या है जी 7 का बिल बैक बेटर वर्ल्ड
जून 2021 की शुरुआत में राष्ट्रपति जो बाइडेन के अमेरिकी प्रशासन ने बिल बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) कार्यक्रम को मूल्य-आधारित, योग्यता और प्रोजेक्ट के रूप में घोषित किया। उनका मानना था कि वे मजबूत श्रम, पर्यावरण और पाधिकार रखते हुए फ्रेमवर्क की फंडिंग की सुंदरता को पूरा करने के लिए ‘साझा मूल्य’ के अमेरिकी मॉडल के आधार पर गरीब देशों को एक बेहतर विकल्प प्रदान करके बीआरआई द्वारा पेश करते हैं की गई खतों से पार पा सकते हैं। एक साल बाद 2022 में बवेरियन आल्प्स, जर्मनी में अपने शिखर सम्मेलन में जी7 ने बाइडेन के बी3डब्ल्यू के दृष्टिकोण की फिर से पुष्टि की। इसके साथ ही यह दावा किया कि वह एक नया ढांचा ढाँचे के निवेश कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो चीन की बीआरआई को टक्कर दे सकता है। चीन अपने सीपीईसी का विस्तार कर रहा है। ऐसे में भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ये जानना चाहते हैं कि वे बीआरआई की कीट के लिए क्या कर रहे हैं।
सीपीईसी-बीआरआई से निपटने के प्रभावी तरीकों पर बात
प्रधानमंत्री मोदी 20 जून से 24 के बीच अमेरिका में जीत गए। पीएम मोदी बाइडेन से इस बात पर चर्चा कर सकते हैं कि दुनिया के 7 सबसे बड़े उद्योग वाले संगठन जी7 के देश बीआरआई को काटने के लिए क्या कर रहे हैं। जी7 देशों की दुनिया में रूपरेखा को मजबूत करने की योजना का नेतृत्व खुद बाइडेन कर रहे हैं। ऐसे में वो इस बारे में पीएम मोदी को नाम से जवाब दे सकते हैं। बता दें कि भारत पोओके से चीन के सीपीईसी के नियमों का कड़ा विरोध करता है और यह गैर-कानूनी है।
किन डील पर नजर है
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में इस बार सबसे अहम बिजनेस और डिफेंस डील हो रही है। अभी तक के होश से 22 हजार करोड़ रुपये के आर्म्स ड्रोन्स और 350 कॉम्बैट एटमाइटी के लिए इंजन बनाने की तकनीक अमेरिका से लेने की डील तय की गई है। अमेरिका इसके लिए कुछ सालों से लॉबिंग भी कर रहा था। इसके अलावा, दौरे में दोनों मोर्चों पर कुछ और बड़े सौदे होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक डील के होश से पिछले कई राउंड से यह बड़ा होने वाला है।
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