जवाहरलाल सरकार ने गुजरात दंगों पर जयशंकर के पिता के दिए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि सुब्रमण्यम ने 2002 दंगों पर कहा था कि धर्म की हत्या कर दी गई थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एनी के साथ एक साक्षात्कार में कांग्रेस के खुलासे, पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के समय और चीन के साथ तनाव सहित कई अन्य मुद्दों पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने अपने पिता के साथ नाइंसाफी पर भी दो टूक बात की। अब एस जयशंकर के बयानों पर टीएमसी सांसद की तरफ से तीखा ने हमला किया है। पंजीकृत सांसद और पूर्व जवाहर भाजपा सरकार ने सवाल किया कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर भूलने की बीमारी से पीड़ित हैं या क्या वो विदेश मंत्री के रूप में अपेक्षित प्रचार के लिए भाजपा को गले लगा रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि यह अजीब बात है कि जयशंकर ने गांधी परिवार के खिलाफ तीखे हमले किए। जवाहरलाल सरकार ने जयशंकर से सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में जयशंकर ने अच्छी जगहों पर फिर से शुरुआत का फायदा उठाया लेकिन अब उनके मन में गांधी परिवार के प्रति रोष क्यों है? बता दें कि जयशंकर ने कांग्रेस की आलोचना की, उन्होंने कहा कि उनके पिता डॉ के सुब्रह्मण्यम को 1980 में सत्ता में वापसी के बाद इंद्रा गांधी द्वारा सचिव, रक्षा उत्पादन के पद से हटा दिया गया था। जयशंकर ने बताया कि उनके पिता पहले ऐसे सचिव थे, जिन पर इस तरह की कार्रवाई हुई। राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान भी उन्हें बाहर रखा गया था।
जवाहरलाल सरकार ने गुजरात दंगों पर जयशंकर के पिता के दिए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि सुब्रमण्यम ने 2002 दंगों पर कहा था कि धर्म की हत्या कर दी गई थी। जो निर्दोष नागरिक रक्षा करने में विफल रहे हैं वे अधर्म के दायित्व हैं। राम … गुजरात के ‘असुर’ शासकों के खिलाफ अपने धनेश्वर का इस्तेमाल करते थे। जवाहरलाल सरकार ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनके बेटे शर्म आ रहे हैं – – असुर की सेवा!
बता दें कि गुजरात दंगों पर बीबीसी विवाद के केंद्र में है। यूके स्थित ब्रॉडकास्टर नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठे हुए द्वेष पर दो-भाग की डॉक्यूमेंट्री जारी करने के तुरंत बाद बैंक खाते में फैला हुआ था। जयशंकर ने अपने साक्षात्कार में कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का समय वास्तविक नहीं बल्कि राजनीतिक है। बेरोजगार सांसद ने कहा, “सवाल यह है कि क्या सही या गलत दिखाए गए हैं? यदि मोदी प्रशासन आच्छादित होता है तो क्या हजारों लोगों की जान बच जाती है।
“2092 के गुजरात दंगों पर बीबीसी के वृत्तचित्र का समय ‘आकस्मिक’ नहीं है, यह है
जयशंकर कहते हैं, ”राजनीति दूसरे तरीके से.”
प्रश्न यह है कि दिखाए गए तथ्य सत्य हैं या असत्य?
अगर मोदी प्रशासन कम उदार होता तो क्या हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी? https://t.co/Y3clgHxAY5– जवाहर सरकार (@jawharsircar) फरवरी 21, 2023