
जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा
राज्यसभा में उस समय सांसद अपनी हंसी नहीं रोक पाए जब जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वह अर्जुन हैं तथा अर्जुन एवं एकलव्य का संवाद एक नए तरीके से शुरू होगा। वे एकल आदर्श विद्यालय के सन्दर्भ में यह बात कही। उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान राष्ट्रीय जनता (राजद) के मनोज झो ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के संबंध में जब पूरक प्रश्न पूछा तो मुंडा ने यह बात कही।
एकलव्य शब्द प्रताड़ना का प्रतीक: राजद
राजद सदस्यों ने अपना प्रश्न पूछा कि एकलव्य शब्द प्रताड़ना और बहिष्कार का प्रतीक है और यदि इस विद्यालय का नाम बिरसा, फूले या पेरियार के नाम पर होता है तो श्रेष्ठ होता है। इस पर मुंडा ने कहा, ”जो ऐतिहासिक अतीत है, जो हमारे ग्रंथ हैं, उसका एकलव्य आदर्श आदर्श विद्यालय का नामकरण किया गया है।”
वैसे-मैं अर्जुन हूं: मुंडा
आगे मुंडा ने कहा, ”वैसे-मैं अर्जुन हूं, इस संबंध में मैं कह सकता हूं कि अर्जुन-एकलव्य का संवाद अब नए तरीके से शुरू हो रहा है।” मुंडा की इस टिप्पणी पर सदन में मौजूद कई सदस्य अपनी हंसी नहीं रोकते। विशेष और ठहाके घसीटते हुए।
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