अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में उत्तर कोरिया में मानवाधिकार हनन की गंभीर स्थिति और वहां दमन को रेखांकित किया, लेकिन चीन और रूस ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित चेतावनी देते हुए इसकी निंदा की और कहा कि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और बढ़ सकता है।
अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में उत्तर कोरिया में मानवाधिकार हनन की गंभीर स्थिति और वहां दमन को रेखांकित किया, लेकिन चीन और रूस ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित चेतावनी देते हुए इसकी निंदा की और कहा कि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और बढ़ सकता है। इंटरनेट के जरिए चीन ने अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनधिकृत बैठक को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने से रोक दिया।
अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने चीन के इस कदम की निंदा की और इसे उत्तर कोरिया की ”ज्यादतियों को दुनिया से छिपाने” की कोशिश बताया। वेब कास्टिंग के लिए परिषद के सभी 15 सदस्यों की सहमति आवश्यक है। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि ब्रॉडकास्टिंग रोकने का बीजिंग का प्रयास होगा, क्योंकि बैठक संबंधी जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा और अमेरिका एवं कई अन्य देश उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के हनन और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए उसे पैदा होने वाले फॉर्म के खिलाफ दावा जारी करेंगे।
मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी जेम्स टर्पिन ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप पर जारी तनाव क्षेत्रीय और शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और इस तनाव को उत्तर कोरिया में मानवाधिकार हनन की गंभीर स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता कर सकते हैं। उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के मामले में एलिजाबेथ पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष जांचकर्ता सैल्मन ने भी ”अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा और मानवों के आपस में जुड़े होने” पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन की समस्या से कोई शांति और ह्रास संभव नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र मिशन में चीन के काउंसलर शिंग जिशेंग ने सुरक्षा परिषद में मानवाधिकारों पर चर्चा करने के लिए अमेरिका की आलोचना की। उन्होंने कहा, ”ऐसा करना किसी से भी अच्छा नहीं है। इससे तनाव कम होने के बजाय संघर्ष बढ़ सकता है और इसलिए यह एक गैर-जिम्मेदाराना कदम है।” संयुक्त राष्ट्र मिशन में रूस के काउंसलर स्टीफन कुजमेंकोव ने भी मानवाधिकारों पर सुरक्षा परिषद में चर्चा करने की घोषणा की।
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