पिछले हफ्ते 17 साल की एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर शहर में हिंसा हुई थी। उसी समय, नेशनल नेशनल रेस कमीशन (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने संयुक्त परिवार से मुलाकात की और आरोप लगाया कि सच्चाई को खोजने का प्रयास किया गया।
कालियागंज। पश्चिम बंगाल में उत्तर दिनाजपुर जिले के पूरे कालियागंज शहर में बृहस्पतिवार को निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही इंटरनेट रोजगार जॉब कर दिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। गत रविवार को शहर के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू की गई थी। अधिकारियों ने कहा, ”ये उपाय 30 अप्रैल तक जारी रहेगा।” पिछले हफ्ते 17 साल की लड़की से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या को लेकर शहर में हिंसा हुई थी। उसी समय, राष्ट्रीय राष्ट्रीय जाति आयोग (NCSC) के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने संयुक्त परिवार से मुलाकात की और आरोप लगाया कि सच्चाई को खोजने का प्रयास किया गया।
हलदर ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी पर वोट बैंक की राजनीति के लिए एक समुदाय विशेष को बचाने का आरोप लगाया। लापता होने के एक दिन बाद शुक्रवार को कालियागंज की नहर में लड़की की मौत हो गई। उसके परिवार का आरोप है कि हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था। मौत से चरमपंथी हिंसा भड़क उठी और कालियागंज थाने में आग लग गई। हलदार ने कहा कि जब वह निर्देश पर पहुंचे तो किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। उन्होंने औपचारिक रूप से कहा, “जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उपस्थित होना था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। कम से कम जांच अधिकारियों को मौजूद होना चाहिए था, लेकिन वह भी नहीं थे। आप मेरा अपमान नहीं, बल्कि एक संवैधानिक पद का अपमान कर रहे हैं।”
इस बीच, कालियागंज में हिंसा के दौरान घायल पुलिस के नागरिक सुरक्षा कार्यकर्ता के इलाज के दौरान बृहस्पतिवार की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मिजानुर रहमान पुलिस के नागरिक सुरक्षा कार्यकर्ता थे। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कालियागंज में हुई हिंसा में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।