मौसम अपडेट, आईएमडी तापमान अपडेट, शीत लहर चेतावनी, 20 जनवरी मौसम रिपोर्ट: उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण आज नामांकन और रोशनी बारिश हुई, जिससे सम्मिलन पर बंद हो गया और शेयरों का संचालन प्रभावित हुआ। वहीं, क्षेत्र क्षेत्र में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। हरियाणा और पंजाब के अधिकांश इलाकों में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में मामूली खराबी दर्ज की गई, जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत मिली। हरियाणा के अंबाला में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेलियन दर्ज किया गया जबकि हिसार में न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेलियन दर्ज किया गया।
रोहतक में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेलियन, 9.7 डिग्री सेलियन, सिरसा में 9.2 डिग्री सेलियन और कुरुक्षेत्र में 10.3 डिग्री सेलियन दर्ज किया गया। हालांकि नारनौल में ठंड का प्रकोप जारी रहा, जहां न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजाब के अमृतसर और संबद्ध में न्यूनतम डिग्री 10 डिग्री सेलियन, पटियाला में 8.6 डिग्री सेलियन, पठानकोट में 10.5 डिग्री सेलियन, फरीदकोट में 9.5 डिग्री सेलियन और मोहाली में 9.4 डिग्री सेलियन दर्ज किया गया। दूसरी ओर बठिंडा में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को क्लाउड छाए रहने की संभावना है, जबकि अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेलियन के आसपास रह सकता है। आईएमडी के मुताबिक, शहर में सुबह साढ़े आठ बजे 83 तस्वीर डाली गईं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह नौ बजे समग्र वायु गुणवत्ता स्थिरता (एक्यूआई) 277 दर्ज की गई, जो ‘खराब’ श्रेणी में आती है। अटैचब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच लक्षित, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर माना जाता है । कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में शुक्रवार को श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया और घाटी से आने-जाने की संभावना भी प्रभावित हुई।
पहलगाम और गुलमर्ग के साथ-साथ अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, बैंक, बडगाम, कुपवाड़ा, गांदरबल और श्रीनगर के साथ सीधे तौर पर दिखाई दिए। अधिकारियों के अनुसार, श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर यातायात की गति रामबन और बनिहाल के बीच प्राधिकरण और पत्थर गिरने के कारण हो गए। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पंजीकृत और कम दृश्यता के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर प्रभाव पड़ा। कश्मीर में न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन पूरी घाटी में पारा सागर बिंदु से नीचे जा रहा है। बृहस्पतिवार रात श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं, काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस नीचे, जबकि कुपवाड़ा में शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे। वहीं, अनंतनाग जिले के सबसे पुराने गाम में पार ज़ीरो से 2.9 डिग्री सैल्सियन नीचे और बारामुला ज़िले के गुलमर्ग में ज़ीरो से 7.6 डिग्री नीचे सैल्सियन दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19 से 25 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर में बारिश का मौसम रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। शुक्रवार और शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में रोशनी से मध्यम बारिश या होने की भी संभावना है। 23 से 25 जनवरी के बीच भारी बारिश होने के भी आसार हैं। साथ ही कश्मीर के भू-क्षेत्रीय क्षेत्रों में मध्यम हिमबारीक और जम्मू की लंबाई वाले क्षेत्रों में मध्यम से भारी नौकरी होने के आसार हैं। कश्मीर में अभी ‘चिल्लई-कलां’ का दौर जारी है। यह 40 दिन तक चलता है, जिसमें कश्मीर घाटी में शीतलहर चलने के साथ ही तापमान में काफी गिरावट आ जाती है। इस अवधि में विशेषाधिकार की संभावना रहती है, विशेष रूप से संबंधित क्षेत्रों में भारी प्रविष्टियां होती हैं।
‘चिल्लई-कलां’ का दौर 30 जनवरी को समाप्त होगा और उसके बाद 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द’ शुरू होगा व इस दौरान भी कश्मीर घाटी में शीतलहर जारी रहेगा। फिर 10 दिन का ‘चिल्लई बच्चा’ का दौर रहेगा, तब घाटी में ठंड में कमी आने लगेगी। हिमाचल प्रदेश के विस्तार वाले क्षेत्र में भी शुक्रवार को रोशनी से मध्यम जुड़ाव हुआ, जबकि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य भर में रुक-रुककर बारिश होने से 278 सड़क पर गंभीर की परत प्रभावित हो रही है। कुल्लू में जलोड़ी जोत और रोहतांग दर्रे में क्रमश: 60 और 45 योग हैं, जबकि अटल सुरंग के दक्षिणी छोर और चैंसल में 30-30 दलाली हुई। चुडधर और डोडरकवार में 25 सॉकेट, खदराला में 16 टॉक और लेक्चर में जाखू चोटी और कुफरी के आसपास के क्षेत्रों में तीन से 10 जिम्मेदार जुड़ी हुई हैं। मनाली, गोहर और टिंडर में स्थिरता: 16 स्थिर, 11 स्थिर और 8.3 तत्काल पानी का निशान, जबकि नाहन और भुंटर में 5.7 सीधी बारिश दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजमार्ग तीन और 305, रोहतांग दर्रे और जालोरी दर्रे पर यातायात धराशायी हो रहा है, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग 505 के ग्राम्फू से लोसर के बीच काफी हद तक प्रभावित हुआ है। लाहौल और स्पीति में 177, पैसिफिक में 64, किन्नौर में नौ, चंबा में पांच, कुल्लू में तीन और कांगड़ा तथा सिरमौर जिले में दो-दो सड़कें बंद हैं। स्थानीय मौसम विज्ञान कार्यालय ने 26 जनवरी तक क्षेत्र में बारिश, 21-22 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर रोशनी बारिश व देखने और 23 जनवरी को मध्य और घरों वाले कई स्थानों पर रोशनी से मध्यम रेटिंग का अनुमान लगाया है। ‘टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष एम के सेठ ने बताया कि राज्य की राजधानी और इसके उपनगरों में गैर-जिम्मेदाराना देर शाम तक देर शाम तक रहने के 70 प्रतिशत तक जाने की उम्मीद है। अभी होटल 30 बोर तक हैं। उत्तराखंड में भूधंसाव की समस्या से जूझ रहे जोशीमठ सहित चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के विस्तार वाले क्षेत्र में बृहस्पतिवार देर रात से हिमपात हो रहा है, जिससे पूरा क्षेत्र कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, लंबाई संबंध में बृहस्पतिवार देर रात से बर्फ गिरनी शुरू हो गई थी, जो अब तक जारी है। वहीं, समीपवर्ती क्षेत्रों में भी रोशनी की बारिश हो रही है। बारिश और स्ट्रीक के साथ राज्य में सर्द हवाएं चल रही हैं, जिससे लोग कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे हैं। जोशीमठ में शुक्रवार सुबह पहली बारिश और फिर हिमपात शुरू हो गया, जिससे राहत एवं कार्य में जुटे कर्मियों के साथ ही आपदा की मुश्किलें भी बढ़ गईं। मौसम विभाग के अनुसार, बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और केदारनाथ कस्तूरी मृग अभयारण्य का अधिकांश भाग बर्फ से ढका हुआ है।