
दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में सर्दी का सितम फिर शुरू हो गया है। रैंकिंग पर हो रही के कारण भारत के उत्तरी और उत्तर-पश्चिम इलाके में रविवार को शीतलहर का कहर जारी हो रहा है, जिसके कारण न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सैलियन तक की कमी दर्ज की गई। दिल्ली और आसपास के इलाकों में सोमवार को भी शीतलहर चलने और कोहरा छाए रहने का अनुमान लगाया गया है।
दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला के अनुसार, तापमान में 4.7 डिग्री सेलियन की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, राजधानी के जाफरपुर में न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस है, जबकि लोधी रोड में 3.8,नगर में तीन और रिज क्षेत्र में 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
मौसम विभाग (आईएमडी) की वेबसाइट पर उपलब्ध ‘उज्वा स्वचालित सीज़न केंद्र (एडब्ल्यूएस)’ के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। हालांकि, मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एडब्ल्यूएस काम नहीं कर रहा है।
एक दशक में दूसरा सबसे काला सप्ताह
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पांच से नौ जनवरी के बीच कड़ाके की ठंड पड़ी है और पिछले एक दशक में यह दूसरा सबसे ठंडा सप्ताह रहा है। इस शहर के दौरान 50 घंटे तक कोहरे की शीट में लिपटा रहा, जो 2019 के बाद का सबसे ज्यादा समय है।
मौसम विभाग का कहना है कि पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में रविवार को पश्चिमी शीतलहर चलने से सर्दी बहुत बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तरी-पश्चिमी मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान में चार से सात डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर-पश्चिम के अन्य हिस्सों में विशेष बदलाव दर्ज नहीं किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, 17-18 जनवरी को भारत के उत्तरी-पश्चिमी और मध्य क्षेत्र में न्यूनतम तापमान में करीब दो डिग्री सेलियन की गिरावट दर्ज होने की संभावना है। वहीं राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में इस दौरान शीतलहर चलने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में 16 से 18 जनवरी के बीच हिम जमने की आशंका है।
दिल्ली में एक्यूआई में सुधार के बीच ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियां हटीं
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के बीच चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत पाबंदियां हटा ली गई हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएसीक्यूएम) ने रविवार को यह जानकारी दी। तीसरे चरण के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंसक गतिविधियों को रोकना, पथार को तोड़ना और अतिक्रमण पर रोक लगाना शामिल है। हालांकि, ग्रैप के पहले और दूसरे चरण के तहत पाबंदियां जारी रहेंगी। ग्रैप की एक उपसमिति ने पाया कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में मामूली सुधार हुआ है। यह 14 जनवरी को 353 (बहुत खराब) पर था और 15 जनवरी को यह 213 (खराब) पर पहुंचा, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
सीएक्यूएम ने कहा कि ग्रैप पर उप समिति के फैसले के आधार पर एनसीआर में छह जनवरी को तीसरे चरण के पाबंदियां लागू की गईं। उप समिति ने 15 जनवरी की अपनी बैठक में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा की और तीसरे चरण के पाबंदियों को छाया प्रभाव से हटाने का निर्णय लिया।



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