काम करने के दौरान अगर आपका मन गंदगी होने लगता है या अन्य कार्यों को करने की ओर इशारा करता है, तो ये स्थिति आपके अंदर का अटैंशन स्पैन की कमी को दर्शाता है। लंबे समय तक काम करने और एक साथ कई चीजों को अकेले हैंडल करने से यह समस्या काफी आम बात है। चाहे आप वर्किंग वूमेन है या होम मेकर, हर महिला को यह समस्या होती है। इस समस्या के कारण चीजों को भूलना, नींद पर काम न हो पाना और काम की उत्पादकता प्रभावित होना इसके सामान्य लक्षण हैं। जानकार जानते हैं कि कैसे अटेशन स्पैन क्या है और इसे सींक जा सकता है (ध्यान अवधि बढ़ाने के टिप्स)।
इसके बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हलद्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ अर्जुन पंत का कहना है कि अटंशन स्पैन का अर्थ है कि हम बिना ब्रेक लिए और बिना रुके अधिकार पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। हैंलाकि हर व्यक्ति का तालमेल अलग होता है। ऐसे में व्यक्ति को किसी भी काम में लंबे समय तक फॉक्स करने में परेशानी होने लगती है। इसके चलते लोग ऐसे ही समझ में आते हैं। जानकार के मुताबिक अगर आप 60 मिनट तक कोई भी काम करते हैं। तो उसके बाद 10 से 15 मिनट का गैप जरूर लें। इससे काम की संपूर्ण बेहतरीन साझेदारियां और अटैंशन स्पैन भी लगता है।
एटटेशन स्पैन कम होने के लक्षण
कार्य के दौरान वापस लौट जाते हैं
समय खराब होने का अनुमान है
गलतियां बढ़ने लगती हैं
हमारा मन विचलित हो जाता है
एटेक्शन स्पैन बढ़ाने के इन तरीकों को अपने रूट में शामिल करें
1. मल्टी टास्क करने से बचें
एक समय में एक काम करने से आप पूरी तरह से उस पर ध्यान लगाने लगते हैं। इससे आपके दिमाग में स्थिरता और संतुलन बनने लगता है। अगर आप अपने काम पर पूरी तरह से फोकस करना चाहते हैं, तो एक घंटे में दो काम न करें। इससे आपकी परफार्मेंस और कार्य क्षमता दोनों प्रभावित होने लगती है। साथ ही आप तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। एनोटेशन बढ़ाने के लिए एक कार्य को पूरे मन और समय ग्रहण करें।
2. ब्रेन गेम्स विवरण
दिनभर काम करने के बाद माइंड एग्जॉस्ट होने लगता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए हम कुछ देर आराम करते हैं और दिमाग को अनुमान लगाते हैं। अगर आप काम पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो ब्रेन गेम्स आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इसके लिए आप चेस, सुडोकू और क्रासवर्ड खेल सकते हैं। इससे आप मेंटल तौर पर खुद को क्रिएट महसूस करेंगे। साथ ही किसी के साथ भी काम करने में आपको झिझक महसूस नहीं होगी।
3. टू डू लिस्ट तैयार करें
कई बार ऐसा होता है कि सुबह उठते ही हमारा दिमाग कई कामों को पूरा करने की योजना बना लेता है। मगर दिन ढ़लने तक हम बहुत सी सी चीजें भूल जाते हैं। ऐसे में आपका ध्यान टूटने से बचने के लिए दिन की शुरुआत में ही एक टू डू लिस्ट तैयार करें। सभी लिखित कार्यों को क्रास चेक करते रहें। जो भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाते हैं, उन्हें करने का प्रयास करें। इससे आप सभी अपने काम के समय पर कर सकते हैं। इससे आपका संग्रह भी बढ़ने लगता है और चीजों को बार-बार भूलने की समस्या दूर होने लगती है।
4. काम के दौरान फोन के इस्तेमाल से बचें
अगर आप ऐसा महसू कर रहे हैं कि आप काम पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो वर्कप्लेस पर फोन का इस्तेमाल न करें। दरअसल, काम के दौरान फोन म्यूट पर रखें या उसे टर्न ऑफ कर दें। इससे आप काम पर पूरी तरह से फॉक्स कर सकते हैं। स्मार्ट फोन का लगातार उपयोग आपका काम करने का काम करता है। साथ ही इससे प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होने लगती है।
5. ध्यान जरूरी है
काम पर फॉक्स करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए रोजाना कुछ देर ध्यान करना जरूरी है। इससे जुड़ी चीजों को बार-बार भुलाया जाता है और तनाव से संबंधित स्थितियों से राहत मिलती है। खुद को मानसिक तौर पर एक्टिविटी और हेल्दी रखने के लिए सुबह उठकर कुछ मिनट का मेडिटेशन जरूर करें। ध्यान के दौरान आप सभी शारीरिक अंगों पर एक कर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं। इससे आपका दिमाग़ और चीज़ें याद रखने और ऐंटेशन स्पैन ग्राउज़ लगता है।
इन बातों का भी रखें ख्याल
अच्छा लिसनर बनेगा। दूसरों को सुनने की क्षमता। इससे आपके सोचने और समझने की शक्ति का विकास होता है।
पढ़ाई के लिए समय बदलें। कुछ देर से किताब या अखबार से पढ़ना।
व्यायाम, व्यायाम, साइकिलिंग और मांसपेशियों व्यायाम पर ध्यान दें।
ब्रीडिंग एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल करने से भी अटैंशन स्पैन ग्राउन्स है।
काम के दौरान नियमित ब्रेक लें। छोटे इंटरवेल्स हमारी सेहत को खुशी पहुंचाते हैं।
आसपास का माहौल ऐसा हो, जिससे आपको काम में परेशानी का अनुभव न हो।
नींद पूरी लेनी चाहिए। इससे आपका दिमाग पूरी तरह से विकसित होने लगता है।
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