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लंदन में घर लेने की चाहत, बड़े अरमानों के साथ इंग्लैंड, किस्मत ने मारी पलटी और जेल पहुंचे

नई दिल्ली। बालू के बचपन से ही एक ही ख्वाइश थी कि उसका लंदन में घर हो और वह अपने परिवार के साथ वहां एक आलीशान जिंदगी जी रहा हो। ऐन-केन-रूपेण बालू का यह सपना आंशिक रूप से सच भी हो गया। वह अपने सभी अरमानों के साथ लंदन में पहुँचे तो संभव हो गया।

लेकिन, लंदन बॉन्ड ही बालू का ‘सरनेम’ उसके लिए परेशानी का सबब बन गया। उसके ‘सरनेम’ की वजह से एयरपोर्ट के सुरक्षा लॉक्स ने उसे हिरासत में ले लिया। लॉन्ग इंसपेंडल एंड इंक्वायरी के बाद दिली के इंस्पिरेशन गांधी इंटररेश एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट करने का फैसला लिया।

दिल्ली एयरपोर्ट पर पलटी पूरी कहानी
बालू, विस्तारा एयरलाइन की उड़ान यूके-018 से 14 जनवरी की सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची, जहां एयरलाइंस सिक्‍योरिटी ने उन्हें प्रवासन अधिकारियों के हवाले कर दिया। प्रवासन अधिकारियों ने जब बालू के दस्‍तावेजों की जांच की तो माजरा अब तक की बिल्‍कुल उल्‍टा मिला।

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दरअसल, बालू के पासपोर्ट में उसका पूरा नाम बालू जयेश लिखा था। वह यूनाइटेड किंगडम की फेमिली परमिट वीजा पर लंदन गई थी। हीथ्रो एयरपोर्ट में जांच के दौरान आव्रजन अधिकारियों ने बालू के दस्‍तावेजों को गलत पाया। जिसके बाद उन्हें लंदन से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया।

आगे मुश्किल भरी है बालू की राह
दिल्ली एयरपोर्ट पर पूछताछ के दौरान पता चला कि बालू का असली नाम बालू जयेश नहीं है, बल्कि बालू का भाई ओदेदेरा है। इसी तरह, उनकी जन्मतिथि पासपोर्ट में 27 दिसंबर 1993 को लिखी गई थी, जबकि उनकी वास्‍तविक 19 जून 2003 है। इसी तरह, उसके दस्‍तावेजों में लगभग सभी जानकारियां गलत थीं।

पूछताछ में पता चला कि जब बालू सही तरीके से लंदन नहीं जा सका, तब उसने अपना सपना पूरा करने के लिए एजेंटों की मदद ली। मोटी रकम के एवज में उन्हें नया सरनेम वाला पासपोर्ट और लंदन की फैमिली परमिट वीजा मिल गया। बालू ने अपना सपना पूरा करने के लिए सरनेम तो बदल लिया, लेकिन सुरक्षा दस्तावेजों से नहीं बचा।

टैग: हवाई अड्डे की डायरी, दिल्ली हवाई अड्डा, दिल्ली पुलिस, आईजीआई एयरपोर्ट

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