निकाय चुनाव 2023: निकाय चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है। जातिगत सूचना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकायों द्वारा दावा की सूचना जारी करने की अनुमति दी है। ओबीसी घोषणा के मुद्दों की जांच के लिए एक समर्पित आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को चुनाव की अनुमति दी है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई। चंद्रचूड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत के पिछले आदेश के आधार पर उत्तर प्रदेश वर्ग आयोग के लिए एक सूचना जारी की है।
दो दिनों में जारी कर दी जाएगी सूचना
कोर्ट की इस याचिका में जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जेबी पदीरवाला की पीठ ने कहा कि आयोग का कार्यकाल छह महीने का था, इसे 31 मार्च, 2023 तक अपना कार्य पूरा करना था, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिपोर्ट 9 मार्च को पेश की गई है। पीठ ने आगे कहा कि इसके बाद अब स्थानीय निकाय चुनावों की सूचना दो दिनों में जारी कर दी जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए तथ्य दिए बिना शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तब अदालत का अदालती तर्क दिया था कि उसने ओबीसी के प्रतिनिधित्व के लिए डेटा एकत्रीकरण करने के लिए पहले से ही एक समर्पण आयोग का गठन किया है।
हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया था
पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित एक नया परीक्षण फार्मूले का पालन किया बिना ओबीसी तथ्य के मसौदे को तैयार करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित किया था। उच्च न्यायालय ने पिछले साल मई में ‘के. कृष्ण प्रतिमा (डॉ.) और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य’ (2010) में संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि ओबीसी विवरण के लिए पहले ‘ट्रिपल टेस्ट शर्तो’ को पूरा करना होगा।
इससे पहले इस साल मार्च में रैप (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, जिसने आयोग का नेतृत्व किया था और चार अन्य सदस्य – रिटायर आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा, दूसरे कुमार और पूर्व अतिरिक्त कानून सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी मिले थे। अपने सरकारी आवास पर जाकर शहरी विकास मंत्री ए.के. शर्मा और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रिपोर्ट सौंपी।
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