
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। नगरीय निकाय चुनाव के बाद अब प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गई हैं। 11 फरवरी को हुए मतदान के नतीजे 15 फरवरी को घोषित किए जाएंगे, और इस बीच जिले के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है। दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, और मतगणना से पहले ही कयासों और गणनाओं का दौर जारी है।
कांटे की टक्कर, साइलेंट वोटर ने बढ़ाई धड़कनें
सातों निकायों में इस बार मुकाबला बेहद रोचक और कांटे का रहा है। साइलेंट वोटर यानी चुपचाप मतदान करने वाले मतदाता किस ओर झुके, इसे लेकर दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस में मंथन चल रहा है। महिला मतदान प्रतिशत में आई गिरावट को लेकर भी राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग राय रख रहे हैं।
बड़ी हस्तियों की साख दांव पर
इस चुनाव में कई बड़े नेताओं की साख जुड़ी हुई है। कवर्धा विधायक और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रभाव की परीक्षा नगर पालिका चुनाव में हो रही है। कांग्रेस प्रत्याशी संतोष यादव और भाजपा के चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी के बीच कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है। वहीं, पंडरिया पालिका में विधायक भावना बोहरा के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन गया है।
ईवीएम में कैद भाग्य, समर्थकों की बेचैनी चरम पर
प्रत्याशियों की किस्मत अब ईवीएम मशीन में बंद है। समर्थक अपने नेताओं को जीत का दिलासा देने में जुटे हैं, लेकिन बेचैनी का आलम यह है कि दिन तो कट रहा है, पर रातों की नींद उड़ गई है।
बढ़ रहे सट्टे, लाखों के दांव पर चर्चाएं तेज
राजनीति के साथ ही चुनावी सट्टे का खेल भी जोरों पर है। वोटिंग के रुझान के आधार पर लाखों के दांव लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक भी सटीक अनुमान लगाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं।
15 फरवरी को खुलेगा जनादेश का पिटारा!
अब बस कल का इंतजार और है। जनता का फैसला क्या होगा? किसकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और कौन हार के सदमे में जाएगा? इन सभी सवालों के जवाब 15 फरवरी को मिल जाएंगे, जब चुनाव परिणाम की तस्वीर साफ होगी।
















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