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विवेक ओबेरॉय: सोचा था सुसाइड कर लूं… विवेक ओबेरॉय बोले- मैं महसूस कर सकता हूं सुशांत के साथ क्या हुआ – विवेक ओबेरॉय ने अपने जीवन में एक बार बुरे विचार आने की चौंकाने वाली स्वीकारोक्ति की, जिसने उन्हें सुशांत सिंह राजपूत से जोड़ा

फिल्म ‘कंपनी’ और ‘साथिया’ जैसी शानदार फिल्मों के लिए जानेवाले विवेक ओबरॉय ने अपने करियर की शानदार मोड़ को भी देखा है और उस घड़ी का सामना भी हुआ जहां वह पर्दे से गायब होते चले गए। अपने करियर के इस उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे विवेक ओबरॉय की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ भी आया जब उनके दिमाग में सब कुछ खत्म हो जाने तक के ख्याल आ गए। अपने दर्द का यही किस्सा विवेक ओबेरॉय ने अब फ्रैंक सुना है।

विवेक ने गोरे के बुरे दौर को याद किया


एक ज़हर था जब चॉकलेटी लड़के के रूप में विवेक अपने प्रशंसकों के झुंड में बसे थे। लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं। हालांकि, इससे पहले कि उनका लिफ्टिंग छूने का राउंड थोड़ा लंबा चलता है, कहीं खो गए। बॉलीवुड बबल से बातचीत में विवेक ने आंखों के बुरे दौर को याद किया, जहां सब कुछ थम गया था। वे अपने बारे में कहीं कुछ चौंकाने वाली बातें करते हैं।

वह सुनने के लिए जाता है तो पिता का परिचय नहीं देते थे

उन्होंने इस बातचीत में बताया कि उन्होंने वो वक्त भी जीता है जब करीब डेढ़ साल तक उनके पास कोई काम नहीं था। उन्होंने कहा कि जब वो नोटिस देने वाले थे ये नहीं संकेत थे कि वह बॉलिवुड अभिनेता सुरेश रॉय के बेटे हैं। विवेक ओबेरॉय ने अपने उस वक्त को याद करते हुए कहा कि उस दौरान उनके दिमाग में काफी बुरे खयाल भी आए थे। विवेक ने सब कुछ खत्म करने के बारे में भी सोच लिया था।

वाइफ प्रिन्ट ने उसे खूब बिखेरा


विवेक ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि आसपास की नकारात्मकता से वह परेशान हो गए थे। उन्होंने ये भी कहा कि शायद ये सांकेतिक यही था और ऐसे ऐजेंडे कई बार आपको अंदर से तोड़ देते हैं। विवेक ने अपनी वाइफ का नाम लेते हुए कहा- उस दौरान मेरी जिंदगी में काफी अहम स्थिति थी और मुझे अपने बारे में पता चला। बाद में उन्होंने इशारा करते हुए कहा- सब कुछ खत्म करने का मतलब काफी गहरा है और इसलिए वह उस दर्द को महसूस कर सकते हैं जिससे सुशांत सिंह राजपूत या इस तरह के बाकी कलाकार गुजर गए।

‘झूठ जब फास्ट से और बार-बार बोला जाता है, तो सच लुक लगता है’

विवेक ने कहा कि मैंने उस डार्क साइड और दर्द को फील किया है जो कई जगह काफी बड़ा हो सकता है। कई बार ये आपको कुचलने की कोशिश भी करती है। झूठ जब तेजी से और बार-बार बोला जाता है, तो ये सच झूठ लगता है और आपको लगता है कि ये सच्चाई है। उन्होंने ये भी कहा कि हालांकि, बहुत दिनों तक सच को झूठ नहीं बताया जा सकता।

मां से हार मिली कि वह इस पीड़ा को आगे बढ़ाता है

विवेक ओबेरॉय ने कहा कि उन्हें अपनी मां से हार मिली कि वह इस दर्द को पकड़कर आगे बढ़े। उन्होंने बताया कि उनकी मां ने उन्हें कुछ कैंसर पीड़ित बच्चों से जोड़ा, जिन्हें देखकर उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत मिली।

सुनील शेट्टी के साथ ‘धारावी बैंक’ में दिख रहे हैं विवेक

वर्कफ्रंट की बात करें तो विवेक ओबरॉय हाल ही में वो सुनील शेट्टी के साथ ‘धारावी बैंक’ में दिखे, जिसमें उनके रोल को खूब पसंद किया गया।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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