
UNITED NEWS OF ASIA. कबीर दास मानिकपुरी, सारंगढ़ । बरमकेला विकासखंड के पुजेरीपाली ग्राम में स्थित प्राचीन केवटिन देउल शिव मंदिर न केवल एक पवित्र तीर्थस्थल है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक, पौराणिक और स्थापत्य महत्ता भी अतुलनीय है। मान्यता है कि देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा ने इस मंदिर का निर्माण छठवीं शताब्दी में एक ही रात में किया था, परंतु एक केवटिन महिला के जागने से निर्माण कार्य अधूरा रह गया, इसी कारण इसे “केवटिन देउल शिव मंदिर” कहा जाता है।
पाताल से जुड़ा स्वयंभू शिवलिंग
मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जिसे पाताल से उद्भूत माना जाता है। खास बात यह है कि जलाभिषेक के बाद भी शिवलिंग पर जल नहीं टिकता, जो इसे और अधिक रहस्यमय और आस्थापूर्ण बनाता है। श्रावण मास के सोमवारों पर यहाँ विशेष पूजा-पाठ, रुद्राभिषेक और जल चढ़ाने का विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है। भक्तगण लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी मनोकामनाएं लेकर जलाभिषेक करते हैं।
अद्वितीय स्थापत्य और कला का प्रतीक
यह मंदिर लैटिना नागर शैली में निर्मित है और पंचरथ योजना पर आधारित है। गर्भगृह, अंतराल और मुखमंडप से युक्त यह ईंट निर्मित मंदिर छत्तीसगढ़ की पुरातात्विक धरोहरों में विशेष स्थान रखता है। इसकी शिखर रचना, अलंकरण और प्राचीन मूर्तिकला इसे विशिष्ट बनाते हैं।
छत्तीसगढ़ का विरासत मंदिर
सावन माह में इस मंदिर की धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता और भी बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूरदराज़ से श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं और शिव दरबार में जल अर्पण कर जीवन की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..
आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787
निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News
Now Available on :