भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर की किताब आते ही तहलका मचा दिया है। इस किताब में पूर्व कप्तान एमएस धोनी से जुड़े कई वाकिये सामने आ रहे हैं। इससे पहले जहां लेकर उनके विनाश की योजना का खुलासा हुआ था। वहीं अब उनके आदतन कप्तानी और विराट कोहली के कप्तानी पाने के लिए बेचैनी पर एक बड़ा सच सामने आया है। श्रीधर की किताब ‘कोचिंग बिड: माय डेज विद इंडियन क्रिकेट टीम’ में यह बात सामने आई है कि विराट कोहली 2016 में विराट कोहली की कप्तानी पाने के लिए प्रतिरोधी थे। अटैचमेंट है कि इससे पहले एमएस धोनी ने 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान सबसे लंबे समय तक अटैचमेंट से अनायास ही अनाउंसमेंट कर चौंका दिया था।
श्रीधर की किताब से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
भारतीय टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने अपनी नई किताब में खुलासा किया कि विराट कोहली उस वक्त (2016 में) विराट कोहली कप्तानी पाने के लिए प्रतिरोधी थे। तब ही उन्हें सराबोर कोच रवि शास्त्री ने खास सलाह दी और उनसे एमएस धोनी के विवेक का सम्मान करके अपनी बारी आने का इंतजार करने के लिए कहा। श्रीधर ने किताब में लिखा है कि, जहां तक कोचिंग ग्रुप का सवाल है तो ऐसा माहौल बनाया गया था जिसमें आप हर खिलाड़ी की आंखों में आंख से सच कह सकते हैं चाहे वह कितना ही कड़वा क्यो ना हो। इसमें उन्होंने कोहली के शुरुआती दिनों के एक वाकये का जिक्र किया जब कोहली टीम के कप्तान थे लेकिन सीमित ओवरों में अभी भी कप्तान के लिए इंतजार कर रहे थे।
विराट कोहली
शास्त्री ने दी थी ये अहम सलाह
इसे श्री लेकरधर ने किताब में लिखा है कि, 2016 में ऐसा समय था जब विराट लिमिटिड ओवरों की कप्तानी के लिए भी व्याकुल थे। वे कुछ ऐसी बातें कहते हैं जिससे उन्हें लगता है कि वह कप्तानी के लिए तैयार नहीं हैं। एक शाम को रवि ने उन्हें कॉल किया और कहा, ‘देखो विराट, एमएस ने परम टेस्ट टीम की कप्तानी दी है। पिता का सम्मान करना चाहिए। वह सीमित ओवरों की कप्तानी भी करेंगे लेकिन सही समय पर वापसी करेंगे। अगर तुम अभी उसका सम्मान नहीं करोगे तो कल जब तुम कप्तान बनोगे तो तुम्हारा टीम सम्मान नहीं करोगे।’ इसके बाद विराट ने यह निर्धारित किया और एक साल के भीतर ही वह लिमिटेड ओवर टीम के कप्तान भी बन गए।
पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर की बुक में बड़ा खुलासा हुआ है
अपनी इस किताब में आर श्रीधर ने पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री को शानदार लीडर का दावा करते हुए कहा कि वे सीधी बात करते थे और उनमें हिचकिचाते नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि, टीम से बाहर होने वाले खिलाड़ियों को सूचना देने का काम भी शास्त्री को रखना था। इससे पहले श्रीधर की इस किताब में एमएस धोनी के कामुकता से भी एक खुलासा हुआ था। बताया गया था कि धोनी ने 2019 के सेमीफाइनल में हार के बाद ही अपमान का मन बना लिया था और इसकी जानकारी बस टीम के अंदर मौजूद कुछ लोगों को ही थी।
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