
मौसम बदलने के साथ साथ हमारे शरीर की रुकावट संबंधी क्षमता प्रभावित होने लगती है। नतीजन के आगाज के साथ वायरल फीवर (वायरल फीवर) ही जल्दी से लोगों को अपनी चपेट में लेने लगता है। दरअसल, तापमान में आने वाले बदलाव के कारण इम्युनिटी फंस जाती है और शरीर बहुत जल्द संक्रमण से फैल जाता है। वायरल एक ऐसा बुखार है, जो फर्जी लोगों के संपर्क में आने से अन्य लोगों में भी जुड़ता है। ये बुखार शरीर में संक्रमण के प्रवेश के बाद होता है। यदि आप इस बुखार के शुरूआती लक्षणों की पहचान कर लेते हैं, तो आसानी से वायरल बुखार से बचाव (वायरल बुखार से बचाव के नुस्खे) कर सकते हैं। आइए जानते हैं, किन कारणों से वायरल बुखार जल्दी से पांव पसंद कर रहा है।
वायरल बुखार एक ही बार में इतना परेशान क्यों कर देता है और आप इससे बच कैसे सकते हैं, यह जानने के लिए हमने यहां बात करने के लिए जेपी अस्पताल में कंसल्टेंट फिजीशियन, डॉ डीयूषा अभय से।
पहले जानते हैं वायरल बुखार के कारण
1 पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आना
दिन पीयूषा बताती हैं, “जाने अनजाने में अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं, जो पहले से ही संक्रमण का शिकार होता है, तो ऐसे में वायरल बुखार का संक्रमण तेजी से डिस्कनेक्ट होता है। अगर आप किसी व्यक्ति से गले मिलते हैं, हाथ मिलाते हैं तो आप भी इससे पहचान हो सकते हैं। दूसरे लोगों के लिए वायरल बुखार का कारण साबित हो सकता है।”
2 दिखावा करना
आमतौर पर लोग घर से बाहर आकर या फिर क्षतिग्रस्त भोजन और पानी का सेवन करते हैं। क्षतिग्रस्त खाद्य पदार्थ शरीर में संक्रमण को बढ़ाने में सहायक साबित होते हैं। धीरे-धीरे इंफेक्शन शरीर में टाइट होने लगता है और फिर वायरल बुखार का रूप ले लेता है।
3 वातावरण में मौजूद है
डॉ पीयूषा के अनेसार हमारे अन्य पहलू प्रदूषण में कुछ ऐसे कण भी मौजूद हैं जो शरीर के भीतर वायरल होते हैं, सहायक सिद्ध होते हैं। जो पहले हमारी रोग क्षमता को पकड़ते हैं और फिर वायरल बुखार होने लगता है।
4 मरीज जल्दी प्रभावित होते हैं
रेडियो मार्ग के कारण अधिकतर लोग शुगर, बीपी यां हृदय रोग से पीडित होते हैं। ऐसे लोगों के शरीर में रोग जैसी क्षमता कम होती है, जिससे उनका शरीर आसानी से वायरल बुखार की चपेट में आ जाता है।
पहचानिए क्या हो सकते हैं वायरल बुखार के लक्षण(वायरल फीवर के लक्षण)
गले में दर्द और महसूस होना
आंखों में दर्द और पानी बहना
खांसी जुकाम होना
तेज बुखार आना
बदन दर्द होना
वायरल फीवर (वायरल फीवर) से बचना है तो इस मौसम में इन बातों का ध्यान रखें
बदन दर्द और बुखार की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें और दवा ज़रूर लें।
शरीर को आराम दें और शारीरिक शारीरिक कार्य करने से बचें अन्यथा वायरल बुखार बार आपको अपनी चपेट में ले सकता है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हल्का गुणुने पानी से नाहाएं।
यह ध्यान रहे कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। इसके लिए बार-बार तरल पदार्थों का सेवन करें।
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। खुद को दूसरे लोगों से दूर रखें ताकि दूसरे लोगों में संक्रमण का खतरा न हो।
नियमित रूप पर अपने कपड़े और सदस्यता में बदलाव करें। इससे धीरे-धीरे आपके आसपास का संक्रमण प्रभावित नहीं होगा।
खाने से पहले हाथों को पक्का करें, ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण आपके शरीर में प्रवेश न कर सके।
वैज्ञानिक दे रहे हैं सट्टेबाजी के मिथक की सलाह
जेपी अस्पताल के कंसल्टेंट फिजीशियन डॉ डी पीयूषा अभय के अनुसार वायरल बुखार से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह से पकड़ कर रखें। इसके अलावा अपने आस पास साफ सफाई का ध्यान रखें। बार बार हाथों को सैनेटाइज करें। इसके अलावा स्वास्थ्यवर्धक रहने के लिए गुड, तिल, आंवला जिसमें फर्टिलाइजर और दाग-धब्बे होते हैं। साथ ही गर्म दूध में चुटकी भर काली मिर्च और स्वाद के अनुसार हल्दी मिलाकर, इससे शरीर की रेटिंग कमजोर होती है।

खुद को संक्रमण से बचाने के लिए मास्क बनाना न लें।
वायरल बुखार के लिए कुछ घरेलू उपचार भी हो सकते हैं
1 गिलोय (गिलोय)
गिलोय का रस हमारी प्रतिबंधों को अवरुद्ध करने का काम करता है और शरीर की बीमारी जैसी क्षमता बढ़ने से वायरल बुखार से आराम मिलता है। आप चाहें, तो गिलोय के रस के अलावा गिलोय पाउडर की मात्रा भी वैसी ही हो सकती है जैसे शहद की कुछ बूंदों को मिलाकर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ले सकते हैं।
2 दालचीनी (दालचीनी)
दालचीनी में एंटी बायोटिक गुण होते हैं, जो खांसी, जुकाम, सिरदर्द और गले में दर्द से राहत पहुंचाते हैं।

एक कप मॉनिटर पानी में 2 इलायची और 1 चम्मच दालचीनी पाउडर। इसे 5 मिनट तक शानदार बनाएं। फिर दालचीनी काढ़े को छान कर पी लें।
3 नींबू और शहद (नींबू और शहद)
नींबू और शहद का मिश्रण पानी में घुलकर पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इसी शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।
4 लहसुन का तेल (लहसुन का तेल)
सरसों के तेल में लहसुन की पांच से छह झलकियां दिखाई देती हैं और उसके बाद तेल को ठंडा होने के बाद शरीर पर शर्म आती है। इससे आपको बदन दर्द से राहत मिलेगी।
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