भारतीय कुश्ती महासंघ के सभी सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया गया है। भारतीय खेल प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि इस मामले में कुश्ती महासंघ को तुरंत बताया जाए। भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर के निलंबन के साथ ही इस मामले में नया हिसाब लगाया गया है। इससे पहले आज भारतीय कुश्ती संघ ने खेल मंत्रालय को तमाम झूठों पर अपना जवाब भेजा। पहलवानों ने जो आरोप लगाया है, उनका जवाब भारतीय कुश्ती महासंघ की ओर से दिया गया है। अपने जवाब में कुश्ती संघ ने सक्रीय व्यवस्था से काम करना और कुप्रबंधन के आरोपों को रिकॉर्ड करना बंद कर दिया है।
बृजभूषण का पक्ष ले रहे थे विनोद तोमर!
कुश्ती संघ के क्रेतेरी विनोद तोमर ने शनिवार शाम ही बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान देते हुए कहा था कि फेडरेशन के ज्यादातर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा था कि व्यक्तिगत तौर पर भी मुझ पर प्लेयर्स के आरोप सही नहीं लगते। जांच की रिपोर्ट आने तक बृजभूषण शरण सिंह इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे और उसी के बाद झूठ को लेकर अपनी बात सामने रखेंगे।
7 सदस्यों की समिति कर रही मामले की जांच
इससे पहले कुश्ती महासंघ और पहलवानों में गतिरोध के बीच भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के खतरे की जांच के लिए 7 सदस्यीय समितियों की कार्रवाई की। इस समिति के सदस्यों में मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 वकीलों के नाम शामिल हैं। यह भी तय किया गया है कि जांच होने तक बृजभूषण फेडरेशन के काम से अलग-अलग काम कमेटी देखेगी।
कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय को जवाब भेजा
उधर, कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय को अपने जवाब में कहा है कि कुश्ती संघ का फैसला हुआ है, जो अपने संविधान के हिसाब से आगे बढ़ रहा है। इसलिए अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य की मनमानी का सवाल ही नहीं उठता। कुश्ती संघ ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह तीसरी बार फिर गए हैं और उनका नेतृत्व किया