कोंडागांवछत्तीसगढ़

“जंगल के प्रति प्रेम और एकजुटता: कोंडागांव के ग्रामीणों ने बचाया 100 एकड़ जंगल, काली मिर्च से मिली आर्थिक राहत”

UNITED NEWS OF ASIA. कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के एक गांव ने जंगल की सुरक्षा को लेकर एक अनोखी पहल की है। सात सालों से 72 परिवारों का एक समूह 100 एकड़ क्षेत्र में फैले जंगल की दिन-रात पहरेदारी कर रहा है। इस गांव का नाम है सल्फीपदर, जो लंजोड़ा पंचायत के अंतर्गत आता है। यहां के लोग न केवल जंगल की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि साल के पेड़ों पर काली मिर्च की खेती भी कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।

जंगल की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार ये ग्रामीण हर घंटे 4-4 सदस्य जंगल की निगरानी करते हैं और बाहरी लोगों के जंगल में प्रवेश पर 1000 रुपए का जुर्माना भी तय किया गया है। तात्कालिक राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी इस गांव का दौरा किया और ग्रामीणों के इस प्रयास को सराहा।

जंगल की सुरक्षा के लिए अपनाए गए उपाय ग्रामीणों ने जंगल की रक्षा के लिए एक रोस्टर तैयार किया है, जिसके अनुसार हर परिवार का एक सदस्य सुरक्षा कार्य में लगा रहता है। महिलाओं और पुरुषों का यह समूह मिलकर सालों से जंगल की रक्षा कर रहा है। इस एकजुटता की वजह से अब सल्फीपदर का जंगल बचने के साथ-साथ यहां काली मिर्च की खेती भी हो रही है। इससे न केवल जंगल को बचाया गया है, बल्कि गांव के लोग आर्थिक रूप से भी सशक्त हुए हैं।

राज्यपाल से मिले समर्थन और आगामी योजनाएं ग्रामवासियों ने अपनी कठिनाइयों को राज्यपाल तक पहुंचाया और आखिरकार राज्यपाल ने उनके प्रयासों को सराहा और पूरे गांव को गोद ले लिया। अब प्रशासन भी इनकी मदद कर रहा है। ग्रामीणों की प्रमुख मांगों में नलकूप की व्यवस्था और जंगल के चारों ओर फेंसिंग की जरूरत शामिल है, ताकि काली मिर्च की खेती और जंगल दोनों की सुरक्षा की जा सके।

सल्फीपदर के ग्रामीणों के जज्बे से प्रेरणा
सल्फीपदर के ग्रामीणों का प्रयास अन्य गांवों और समाज के लिए एक मिसाल बन चुका है। उनका दृढ़ संकल्प और जंगल के प्रति प्रेम अन्य स्थानों पर भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जो यह दर्शाता है कि जब स्थानीय समुदाय एकजुट होता है, तो वह अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

यह पहल न केवल पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान कर रही है, बल्कि यह भी साबित कर रही है कि जब विकास और प्रकृति के बीच संतुलन बना रहता है, तो दोनों साथ-साथ समृद्धि की ओर बढ़ सकते हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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