
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता विकास तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका को माननीय मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच ने सुनवाई योग्य मानते हुए एक अन्य संबंधित याचिका के साथ संलग्न कर 30 जून की तारीख तय की है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के महाधिवक्ता तथा याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दुबे ने अपने-अपने पक्ष में दलीलें पेश कीं।
महाधिवक्ता ने याचिका खारिज करने का निवेदन करते हुए कहा कि विकास तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, जिसमें धारा 452, 294 और 34 शामिल हैं और वे विशेष रूप से कृष्णा पब्लिक स्कूल को निशाना बना रहे हैं।
इसके प्रत्युत्तर में वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दुबे ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता ने जनवरी 2024 में कृष्णा पब्लिक स्कूल की अनियमितताओं की शिकायत शिक्षा विभाग में की थी, जबकि उनके खिलाफ जून 2024 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जो बदले की भावना से प्रेरित प्रतीत होती है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को प्राथमिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हुए इसे सुनवाई योग्य करार दिया और 30 जून को अगली सुनवाई निर्धारित की है।
‘यह लड़ाई निजी नहीं, न्याय के लिए है’ – विकास तिवारी
याचिका स्वीकार होने के बाद विकास तिवारी ने मीडिया से कहा –
“मेरी लड़ाई किसी एक स्कूल से नहीं, बल्कि उन सभी निजी स्कूलों के खिलाफ है जो गरीब, जरूरतमंद और वंचित छात्रों के अधिकारों का हनन करते हैं। मैं तब तक लड़ाई जारी रखूंगा जब तक छत्तीसगढ़ के हर गरीब छात्र और उनके माता-पिता को न्याय नहीं मिल जाता।”
उन्होंने कहा,
“अगर मेरी इस लड़ाई के बदले मुझ पर और केस दर्ज कराना है तो कराएं, जेल भेजना है तो भेजिए, लेकिन मैं गरीबों के हक की आवाज़ उठाना नहीं छोड़ूंगा। यह न्याय की लड़ाई है, और यह हक मिलने तक जारी रहेगी।”
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