सीबीआइ ने आईसीसीआई बैंक लोन केस में वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार किया है। इसी मामले में कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ रही चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को बैंक द्वारा दिए गए लोन में फर्जी धोखाधड़ी और संबद्धता के रूप में देखा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिससे 86 प्रतिशत रकम (करीब 2810 करोड़ रुपये) नहीं चुकाई गई थी। 2017 में इस लोन को NPA में डाल दिया गया था।
प्राथमिकी में घटना दर्ज की गई थी वेणुगोपाल धूत के नाम
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूवा रिन्यूएबल, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक मामला और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी के दाखिले के लिए दायर किया है। एफआईआर घटना के रूप में दर्ज की गई थी। चंदा कोचर ने मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए पद पर बने रहने का भी आरोप लगाया। जेमाइ के बाद चंदा ने अक्टूबर 2018 में ICICI बैंक के CEO और MD के पद से इस्तीफा दे दिया था।
धूत ने आईसीआईसीआई बैंक से मिले कर्ज का नुपा में निवेश किया था
अधिकारियों ने बताया कि ऐसा आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत ने 2012 में ICICI बैंक से वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपा में करोड़ों रुपये का निवेश किया। सीबीआई ने 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह आरोप लगाया गया था कि धोखाधड़ी ने आईसीआईसीआई बैंकों को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी पूंजी को कुछ ऋण बंधक बनाए थे। बता दें कि मई 2020 में ईडी ने चंदा कोचर और उनके पति से करोड़ों रुपये के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद ईडी ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।