लेटेस्ट न्यूज़

विहिप की बैठक में धार्मिक कट्टरता के खिलाफ संकल्प पारित किया गया

विहिप के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विहिप ने धार्मिक कट्टरता को दुनिया भर में आरोप लगाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। रविवार को संपन्न हुई विहिप के प्रन्यासी मंडल प्रशासन समिति की तीन दिवसीय बैठक के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने धार्मिक कट्टरता के खिलाफ एक संकल्प पारित किया है और अवैध परिवर्तन (धर्म परिवर्तन) को प्रतिबंधित करने के लिए एक कठोर कानून बनाने और देश में ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने की मांग की है। विहिप के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विहिप ने धार्मिक कट्टरता को दुनिया भर में आरोप लगाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। रविवार को संपन्न हुई विहिप के प्रन्यासी मंडल प्रशासन समिति की तीन दिवसीय बैठक के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया।

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने यहां प्रेस वार्ता में कहा, ”बैठक में ‘मजहबी कट्टरता-दुष्परिणाम और समाधान’ विषय पर एक महत्वपूर्ण संकल्प पारित किया गया। उन्होंने कहा, ”संकल्प में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है कि ‘मेरा मजहब ही सही है, बाकी लोग इसे स्वीकार करना ही स्वीकार करते हैं और यदि वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो उन्हें समाप्त करने का आकाश आदेश मेरे पास है’ पूर्वाग्रह वाले। लोगों ने विश्व की अनेक प्राचीन सभ्यताओं को समाप्त कर दिया।”

बैठक में एक नए संकल्प में कहा गया है, ”दुर्भाग्य से कई दशकों में कटौती के बावजूद मजहबी हार्डकोर पूरी दुनिया के लिए आज भी समस्या बनी है। दुनिया में कहीं भी हर रोज आतंकवादी हमले हो रहे हैं, इसके लिए भी मजहबी कट्टरपंथ के रास्ते पर चलने वाले जिम्मेदार हैं। शिल और ‘सर तन से जुदा गैंग’ की सक्रियता इसी मजहबी कट्टरता के वीभत्स चेहरे हैं।”

कुमार ने कहा कि धार्मिक कट्टरता के दुष्परिणामों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ”इस प्रमाणीकरण का निर्णय, सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर प्रतिस्पर्धा करना होगा। इस्लाम का एक बड़ा वर्ग जिहाद के नाम पर हिंसा, लूटपाट और बलात्कार और हत्याओं को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अब यह नहीं चलेगा।”

कुमार ने कहा, ”हम भारत के किसी भी हिस्से को ‘दारुल इस्लाम’ नहीं बनने देंगे। विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी पूज्य संतों व समाज के चिंतकों के साथ मिलकर डटकर प्रतिस्पर्धा कर रहा है। इस कार्य को हम और गति देंगे।” फैला में कहा गया है, ”ईसाई मिशनरी का एक बड़ा वर्ग छल कपट व लालच के हथकंडों से सामाजिक विद्वेष फैलाना, आतंक को डराना और मत बदलना में जुटा है।”

इसमें कहा गया है, ”मजहबी कट्टरता ईसाई और मुस्लिम समाज का विकास नहीं, बल्कि आत्मघाती विनाश की ओर ले जाएगा। उन्हें अपने कट्टरपंथी नेतृत्व को विकासवादी या समरसतावादी नेतृत्व लाना चाहिए।” इसमें कहा गया है, ”लोग मजहबी कट्टरपंथी व एकतावादी नेतृत्व को लेकर अपने समाज को समरसता और विकास की ओर ले जाने वाले खुले विचार के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए में अपनी भूमिका निभाएं।”

इसमें यह भी अपील की गई है कि समाज के सभी वर्ग त्वरित स्वार्थों के कारण इस राष्ट्रघाती प्रवृत्ति का पोषण न करें। साथ ही, अवैध मतांतरण और मजहबी कट्टरता को रोकने के लिए केंद्र सरकार से कठोर कानून बनाने और पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की भी मांग की गई। यह कहा गया है कि हिंदू समुदाय कट्टरता का हमेशा शिकार करता है, लेकिन उसने अपने पराक्रम से इस चुनौती का सामना भी किया है।

कुमार ने कहा, ”विहिप इस संबंध में लोगों को सचेत करने और कट्टरपंथी नेतृत्व के स्वर तंत्र को उजागर करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाएंगे।” उन्होंने कहा, ”बैठक में, एक संकल्प के रूप में बाल संस्कार शालाओं, धार्मिक शिक्षा की प्रतियोगिताएं, यहूदी विवाह का प्रसार के माध्यम से संपूर्ण विश्व में छात्रों को संस्कारवान बनाने की एक कार्य योजना बनाई गई।” विहिप अभी विश्व के 30 देशों में प्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंधित है, जिसमें से 24 देशों के प्रतिनिधि कार्यकर्ता दिसंबर के अंत में तीन दिन के लिए मुंबई में विश्व समन्वय बैठक में पहुंचे थे। कुमार ने कहा कि 2024 में विहिप के 60 साल पूरे हो गए हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page