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वीगन और लेक्टोज इनटॉलरेंस भी ले सकते हैं दूध का आहार, ट्राई करें ये 4 तरह के प्लांट बेस्ड मिल्क और जानें इनके फायदे

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गाय, बकरी या कैमरा का दूध कई पोषक तत्वों के भंडार होते हैं। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों के होने के कारण ही एनिमल बेस्ड मिल्क को संपूर्ण आहार कहा जाता है। लेकिन यह सब सूट नहीं करता। कई बार इनका सेवन ब्लोटिंग, गैस, अपच जैसी समस्या का कारण बन जाता है, जिसकी वजह से लोग इसे छोड़ देते हैं। जो लोग शाकाहारी हैं, उनके लिए प्लांट आधारित मिल (शाकाहारी दूध) एक बेहतर विकल्प है। ट्रेड मार्किट में प्लांट बेस्ड मिल (पौधों पर आधारित दूध) के सभी प्रकार आसानी से मिल जाते हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर पौधों पर आधारित दूध का सेवन समग्र स्वास्थ्य के लिए प्रभावशाली माना जाता है। तो आइए जानते हैं, प्लांट आधारित मिल के अलग-अलग प्रकार और उनमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।

यहां हैं 4 तरह के पौधे आधारित मिल

1. बादाम मिल (बादाम का दूध)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार बादाम मिल्ट एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही यह विटामिन डी, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ई, पोटैशियम, मैग्निशियम, राइबोफ्लेविन और फास्फोरस का एक बेहतरीन स्रोत है।

इसमें कैलोरी की सीमित मात्रा पाई जाती है। इस प्रकार यह सेवन वेट गेन का कारण नहीं बनता। आम तौर पर बाजार में मौजूद बादाम मिल में चीनी की मात्रा मौजूद होती है, लेकिन शुगर फ्री बादाम मिल की स्थिति में नहीं होते हैं। शाकाहारी आहार और लैक्टोज असहिष्णु व्यक्ति के लिए लेक्टोज मुक्त बादाम का दूध एक कड़ा रहेगा।

कैल्शियम से भरपूर आंवला मिल का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है। हेल्दी आहार युक्त इस पौधे पर आधारित दूध को दिल की सेहत के लिए लाभ माना जाता है। आप इसे घर पर भी तैयार कर सकते हैं।

नारियल का दूध हड्डियों को मजबूत करता है। चित्र-दृश्य।

2. कोकोनट मिल (नारियल का दूध)

कोकोनट मिल में मध्यम चेन संतृप्त एसिड की तरह लॉरिक एसिड की मात्रा मौजूद होती है। इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटीफंगल गुण इसे खास बनाते हैं। इसके साथ ही मैंगनीज और कॉपर जैसे महत्वपूर्ण तत्वों से भरपूर होता है।

पब मेड सेंट्रल के अनुसार कोकोनट मिल का सेवन आपको लंबे समय तक रखता है और बॉडी फैट को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद लॉरिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट दिल से जुड़ी बीमारियों को कम कर देते हैं। कोकोनट मिल के साथ उच्च प्रोटीन आहार लेना कोलेस्ट्रोल स्तर को संतुलित रखता है।

3. राइस मिल (चावल का दूध)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार राइस मिल में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी12 और विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर नारियल के दूध का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है।

लेक्टोज फ्री कोकोनट में लेक्टोज इनटोलरेंस और मिल एलर्जिक लोगों के लिए एक बेहतरीन पोजीशन है। वीगन लोग भी इसका आनंद ले सकते हैं। विटामिन बी12 की कमी से तमाम स्वास्थ्य संबंधी कारण बन रहे हैं। इस स्थिति में यह सेवन शरीर में विटामिन बी12 की पर्याप्त मात्रा को बनाए रखता है।

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4. सोया मिल (सोया मिल्क)

सोया मिल में विटामिन सी, आयरन, विटामिन बी 6, मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन डी, कोबालामिन और विटामिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह स्थिति की स्थिति में लाभ होता है। इसका सेवन आपको पूरे दिन एनर्जेटिक रखता है और थकान को कम करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार सोया मिल में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा मौजूद है। यह पौधों पर आधारित मांसपेशियों को विकार प्रदान करता है।

सोय दूध-
आपकी सेहत के लिए सोया दूध पाया जाता है। चित्र : उजागर करें

सोया मिला ओमेगा 3 एसिड और हेल्दी फैट से सम्बद्ध होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड को डिमेंशिया और अल्जाइमर की स्थिति में लाभ माना जाता है। सोया मिल्ट कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को सपोर्ट करता है। इसके साथ ही सोया मिल में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोका जाता है और मेनोपॉज की स्थिति में ऐतराज होता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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