बीजेपी वरुण गांधी (वरुण गांधी) सोमवार (16 जनवरी) को अपने आस-पास पीलीभीत (पीलीभीत) पहुंचे, जहां उन्होंने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा। वरुण गांधी ने चुनाव से पहले आवारा मंडलियों को लेकर गए गए लोगों को याद करते हुए और सरकार को खुले मंच से चुनौती देते हुए वादा किया कि वो सबके सामने आने के मामले को हर मंच से उठाएंगे। यही नहीं उन्होंने खुद के किसानों के हित व गरीब जनता के हित के लिए खाते का उल्लेख करते हुए अखिलेश यादव (अखिलेश यादव) व मनमोहन सिंह (मनमोहन सिंह) का नाम लेते हुए उनकी प्रतिबद्धता की शपथ ली।
वरुण गांधी ने पूर्णपुर के भूप सिंह गांव में आयोजित सभा में शामिल हुए निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि ये वो लोग हैं जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान पर खेल कर हमारी रक्षा की है। हम लोग उनकी बात को नहीं होने देंगे। हर मंच पर कर्मचारी कर्मचारियों के लिए न्याय की बात करते हुए सरकार से कुछ मान सम्मान की कमी जो दिख रही है उसका पूरा छल करके मांग की मांग की।
आवारा का उल्लेख कर साधा
वरुण गांधी ने आवारा गवाह का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जब चुनाव लड़ रही थी, तो मुख्य दल ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि 100 दिनों में आवारा पशु की समस्या हल हो जाएगी, जिसके लिए पशु ग्रह और पशु चिकित्सालय बनाएंगे, लेकिन ये काम अब तक नहीं मिला. मेरा निवदेन है कि सरकार इस बात की व्याख्या को समझती है, हमारे देश में किसान 16-16 घंटे काम करके अपनी कमाई को बनाते हैं, लेकिन ये अवारा एनिमेशन दो घंटे में उनकी कटौती को बर्बाद कर देते हैं। दिन भर काम करने के बाद भी उसकी अपनी सफलता की रखवाली कर रही है। अगर हम लोग किसानों को भगवान मानते हैं तो उनकी मर्यादा की रक्षा भी करनी चाहिए।
रिश्वतखोर अधिकारियों की मुझसे शिकायत करें
वरुण गांधी ने कहा कि आवास योजना में अधिकारी रिश्वत ले रहे हैं। उनके लिए हम तैयार हैं। ऐसे लोग मुझे फोन करें, ऐसी शिकायत मुझसे करें, तो मेरा नंबर राइटिंग लो, लेकिन मदद के लिए ही फोन करना। किसानों का आंदोलन हुआ तो सिर्फ वरुण गांधी बोले, कोई नहीं बोला। किसी ने कहा ये सिख जाट का आंदोलन है, तो मैंने कहा कि ये सरदार जो देश में 2 अलग हैं, जब देश की रक्षा के लिए 17 शेयर सेना में हो जाते हैं। ये हमारे लिए रक्त समुदाय के लिए आगे है तो उनकी मांगो के हक के लिए मैं आगे बढ़ाऊंगा। ये मुझे निर्मुक्त करता है, इसलिए मैं किसानों के साथ खड़ा हूं।
मनमोहन सिंह और अखिलेश यादव सरकार का जिक्र किया
बीजेपी सांसद ने कहा कि हम लोग जब राजनीति में आए तो हमने देश के लिए कुछ करने का संकल्प लिया। पहली बार जब सांसद बना तो मैं उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास गया और कहा कि ये सरकारी घर, गाड़ी ये सब मैं नहीं लूंगा, तो उन्होंने कहा कि आप एक चिट्ठी लिखकर बताएं कि ये पैसा कहां जाएगा। उसी हिमाचल समय में किसानों के आत्महत्या की खबर सुनकर विचार आया कि ये तनख्वाह के हर साल ऐसे किसान परिवार को देंगे। आत्महत्या करने या कर्ज से परेशान हैं ताकि वे सामने आएं। मैंने ये चेक दे देना शुरू कर दिया। मैंने सभी सांसदों को चिट्ठी लिखी तो 60 से 70 लोग इस बात को मानते हुए आगे आए।
वरुण गांधी ने कहा कि जब मेरी नानी का देहांत हुआ तो उन्होंने मुझे कुछ पैसे दिए और कहा कि यह पुण्य कार्य में खर्च करना है। उस समय जौनपुर में पता चला कि एक गांव में 12-15 लोगो ने डीजे को लिखकर दिया, हम कर्ज में डूबे हुए हैं इसलिए आत्महत्या कर लेंगे, तो मैं प्रदेश के अखिलेश यादव को पत्र लिख कर ऐसे आर्थिक मानक के अधीन रहने वाले कर्जदार किसानों की सूची उनकी मदद करने को कहा। उन्होंने इस बात को मानते हुए सर्वे किया कि 32 हजार ऐसे जरजर किसानों की समस्या मेरे सामने आई. हमने उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से बात कर कर्ज मिटाने की अपील की और करीब 14 से 16 हजार किसानों को कर्ज मुक्त किया।
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