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वरुण गांधी समाचार: यूपी की पीलीभीत से सांसद बीजेपी वरुण गांधी पिछले लंबे समय से अपनी ही पार्टी से शेयरधारक हैं। उनकी दुखद समय-समय पर सामने आ रही है। कभी जवाहरलाल नेहरू का पक्ष लेते हुए दिखाई देते हैं तो कभी वे एसपी प्रमुख अखिलेश यादव की आकांक्षा की। इस बीच, झटके भी लगने लगे हैं कि वरुण भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ऐसी अटकलों पर ब्रेक लगा दिया। अब वरुण गांधी के शीशों को लेकर उनकी मां और सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी ने चुप्पी तोड़ी है।
वरुण के बयानों पर क्या बंध मां मेनका गांधी?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मेनका गांधी ने बेटे के बयान को लेकर कहा है कि वे सिर्फ ट्विटर पर ही लिखते हैं। ‘आजतक’ से बात करते हुए मेनका गांधी ने कहा, ”वरुण गांधी ने कोई भी चोट नहीं मानी है। वे आक्रामक भी नहीं हैं। वे सिर्फ ट्विटर पर ही लिखते हैं।’ सूत्रों के मुताबिक वरुण बीजेपी से लंबे समय से नाराजी जताते हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने कई बार बीजेपी के खिलाफ स्टैंड लिया है। नौकरी, कोरोना वायरस, अग्निवीर योजना सहित विभिन्न मुद्दों पर वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दिया।
सरकारी और निजीकरण पर भी रुके सवाल
पिछले दिनों अपने प्रोजेक्ट क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे वरुण ने सरकारी नौकरी और निजीकरण पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने जनता को संदेश देते हुए कहा था कि आज के समय में एक करोड़ सरकारी नौकरी के पद खाली पड़े हैं। हर कंपनी का निजीकरण किया जा रहा है। वरुण का यह बयान भी अपनी ही पार्टी के खिलाफ बताया जा रहा था। उल्लेखनीय है कि सरकारी नौकरी और निजीकरण के मुद्दों पर कांग्रेस सहित सभी विरोधी दल भी केंद्र सरकार को निशाने पर ले रहे हैं।
सीएम योगी से मेनका गांधी ने मुलाकात की थी
वरुण गांधी की शर्तों के बीच इस साल की शुरुआत में मेनका गांधी ने उत्तर प्रदेश के लिए योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी, जिसके बाद कई तरह के रायस्य जाने गए थे। मेनका गांधी के साथ पार्टी के चार अन्य विधायक विनोद सिंह, राज प्रसाद उपाध्याय, सीताराम वर्मा और राजेश गौतम भी शामिल थे। किसान और चीनी साथी मिल को लेकर बातचीत हुई थी। उल्लेखनीय है कि वरुण गांधी भी किसानों के मुद्दे पर काफी आक्रामक हैं और कई बार वे अनाउंसमेंटकर्ताओं से जुड़े मामले कर रहे हैं।