
इमारत के हर हिस्से को एक निवासी दिखाता है
जोशीमठ: उत्तराखंड के आपदाग्रस्त शहर जोशीमठ को बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन यहां के हर दिन को तोड़ने में कुछ मुश्किल आ रहा है। होटल से जुड़े लोगों ने इस मामले को लेकर विरोध भी किया था, जिसकी वजह से होटल गिरने का काम रुक गया था। होटल सैद्धांतिक का कहना है कि प्रशासन कह रहा है कि मार्केट रेट के हिसाब से करोड़ दिया जाएगा, लेकिन कितना दिया जाएगा, क्या रेट है ये कोई नहीं बता रहा।
क्या हैं वो 2 वजह, जिसकी वजह से नहीं टूटे जा रहे हैं सबसे खतरनाक होटल
इसमें प्राकृतिक पहली और सबसे अहम वजह की देरी है। जोशीमठ से और ऊपर की लड़कियां अजनबियों में दिख रही हैं। ओली के ऊपर बारिश हुई है। ऐसे में जोशीमठ के ऊपर भी काले बादल छाए हुए हैं। अगर इन दोनों में शेयरिंग को डिस्मेंटल करने का काम भी शुरू होता है और तेज बारिश या जिम्मेदार होती है तो परेशानी हो सकती है। यही कारण है कि प्रशासन आपसी मित्रता का इंतजार कर रहा है।
दूसरा कारण यह है कि होटल और जोशीमठ की जनता और प्रशासन का अभी तक समझौता नहीं हो पाया है। मुआवजे को लेकर लोग होटल के बाहर अभी भी बैठे हैं।













