उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में तैनात एक महिला सिविल जज ने मुख्य न्यायाधीश से इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्होंने इसके लिए चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है। महिला जज अर्पिता साहू का आरोप है कि यूपी के बाराबंकी जिले में तैनाती के दौरान जिला जज ने शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की है। जिला जज ने महिला सिविल जज पर रात में मिलने का दबाव भी बनाया। महिला जज का दावा है कि उन्होंने जिला जज के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।
यह तो भारत के नागरिकों को सोचने पर मजबूर कर देता है की यदि आज भारत में महिला जज की ही कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। उनके साथ ऐसी प्रतारणा की जा रही है, तो भारत के आम नागरिकों को न्याय कौन देगा।