सरकार के इस कदम की समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने एक ट्वीट किया और कहा कि सरकार का यह कदम 97% हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि और रामनवमी त्योहारों के दौरान समूचे राज्यों में विशेष रूप से मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ सहित धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इसके लिए सभी को एक-एक लाख रुपये दिखाएंगे। इसकी राजनीति लेकर भी हो रही है। इन सबके बीच सरकार के इस कदम की समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने एक ट्वीट किया और कहा कि सरकार का यह कदम 97% हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है।
अपने ट्वीट में समाजवादी पार्टी के नेता ने लिखा कि ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी।। उसी सुंदरकांड का हिस्सा, जिसका सरकार ने पाठ जारी करने का फैसला लिया है यानी सरकार का यह फैसला महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित व बदनाम करने वाले 3% लोगों को बढ़ावा देने और 97% हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाला है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू आस्था को लेकर कोई आलोचना नहीं की। इससे पहले उन्होंने रामचरितमानस पर सवाल उठाए और बयानबाजी भी की।
वहीं, योगी सरकार के इस मत पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए तंज बौज़ में कहा कि एक लाख क्यों, 10 करोड़ दिए जाने चाहिए। अपने ट्वीट ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि रामनवमी मनाने के लिए उपर के ज़िलाधिकारियों को 1 लाख रुपये दिए जाने के प्रस्ताव का स्वागत है पर इतना कम रक़म से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने से सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सकता है । उन्होंने कहा कि भाजपा त्योहार सरकारों पर स्वतंत्र भरोसा दे रही है और इसकी शुरुआत इसी रामनवमी से हो रही है। दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस कदम का स्वागत किया है।
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