क्या है पूरा मामला?
गुरुवार शाम 6 बजे ताँदुला नदी किनारे कुछ लोग ताश खेल रहे थे। ग्रामीणों की शिकायत पर गुण्डरदेही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की रेड देखकर वहां मौजूद जुआरी भाग खड़े हुए, जिनमें तीन युवक नदी में कूद गए।
दो युवक तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन वार्ड नंबर 10 निवासी दुर्गेश सोनकर नदी में डूब गया। 21 घंटे की तलाश के बाद एसडीआरएफ टीम ने शुक्रवार को उसका शव बरामद किया।

परिजनों का आरोप:
मृतक के परिवार का कहना है कि घटना के वक्त मौके पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने डूब रहे युवक को बचाने का प्रयास नहीं किया। इसी लापरवाही के खिलाफ परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम किया और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने तथा मुआवजा देने की मांग की।
चक्का जाम स्थल पर पहुंचे अधिकारी व जनप्रतिनिधि:
घटना के बाद एसडीओपी राजेश बागड़े, एसडीएम प्रतिमा ठाकरे, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रमोद जैन और पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से चर्चा की। परिजनों की प्रमुख मांगों को सुनते हुए प्रशासन ने निम्नलिखित निर्णय लिए:
🔹 दुर्गेश सोनकर की पत्नी को नगर पंचायत में प्लेसमेंट कर्मचारी के रूप में नियुक्ति दी जाएगी।
🔹 नगर पंचायत की ओर से एक लाख रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता दी जाएगी।
🔹 घटना में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
🔹 शासन स्तर पर मुआवजा दिलवाने हेतु तत्काल प्रकरण तैयार कर भेजा जाएगा।
पुलिस प्रशासन की सफाई:
एसडीओपी राजेश बागड़े ने बताया कि जुआ खेलने की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी। युवक की डूबने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही की जांच की जाएगी।
पुलिस और एसडीआरएफ टीम ने रात्रि में देर तक तलाशी अभियान चलाया और अंततः शव बरामद कर परिजनों को सौंपा गया।
मृतक के बारे में:
दुर्गेश सोनकर, उम्र 30 वर्ष, वार्ड क्रमांक 10, गुण्डरदेही निवासी था और नगर की सब्जी मंडी में मजदूरी करता था। उसके परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ:
नगर पंचायत अध्यक्ष प्रमोद जैन ने कहा –
“परिवार के दुख की घड़ी में हम उनके साथ हैं। न्याय और राहत सुनिश्चित की जाएगी।”
पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू ने कहा –
“घटना की निष्पक्ष जांच हो और पीड़ित परिवार को पूरी सहायता मिले, यही हमारी प्राथमिकता है।”
इस दर्दनाक घटना के बाद क्षेत्र में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना यह होगा कि लापरवाह बताए जा रहे पुलिसकर्मियों पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।