
UNITED NEWS OF ASIA. लखनऊ। 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने अपनी ताकत को मजबूत किया था, लेकिन अब यह गठबंधन भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। करीब डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपने सहयोगी दलों से बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
अरविंद राजभर का बड़ा बयान
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के महासचिव और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के पुत्र, अरविंद राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में उन्हें 15 सीटें दी गई थीं, जबकि भाजपा से भी सीटों की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) भी प्रदेश सरकार में एक और मंत्री का पद चाहता है।
भाजपा के लिए राह मुश्किल
वक्फ बिल के पास होने के बाद से भाजपा के सामने मुस्लिम वोटों को अपनी तरफ आकर्षित करने की चुनौती खड़ी हो गई है। इस बिल का विरोध कर रहे सहयोगी दलों के मुस्लिम नेताओं द्वारा इस्तीफा देने के बाद भाजपा के लिए अपनी सहयोगी पार्टियों का समर्थन कायम रखना मुश्किल हो सकता है।
बागी नेताओं का बढ़ता दबाव
समाजवादी पार्टी, रालोद और सुभासपा के बागी नेता दिल्ली में बैठकों और पार्टी बदलाव की चर्चा कर रहे हैं। अयोध्या की गोसाईगंज सीट से बाहुबली विधायक अभय सिंह और सुभासपा नेता अरविंद राजभर जैसे नेताओं की दिल्ली से मिली आश्वासन के आधार पर नए राजनीतिक कदम उठाने की संभावना है।
इस सब के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए 2027 के विधानसभा चुनाव में सभी को संतुष्ट रखना और चुनावी रणनीति को सफलता की ओर ले जाना आसान नहीं दिखता।
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..
आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787
निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News
Now Available on :