यूपी नगर निकाय चुनाव 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) के बीच ओबीसी एन्टिट्यूड (OBC Reservation) को लेकर फंसा फंसा है। ये मामला अभी इलाहाबाद हाई कोर्ट (इलाहाबाद हाई कोर्ट) के बाद अब सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) में है। जिसके चलते यूपी में स्थानीय निकायों के चुनाव टल गए हैं। लेकिन इस बीच एटा में निकाय चुनावों में ट्रांसजेंडरों को नटआउट देने की मांग जोर शोर से उठी है।
एटा फेस्टिवल में भारत का पहला ट्रांसजेंडर कथक नृत्यांगना और यूपी ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की प्रमुख सदस्य देविका एस मंगला ने नई मांग रखी है। देविका एस मंगला ने बातचीत करते हुए कहा, “ट्रांसजेंडर्स के लिए निकाय चुनाव, विधानसभा और विधानसभा चुनाव में रिजल्ट देने की सरकार से टारगेट मांग की। ट्रांसजेंडरों की संख्या देश में करोड़ों में हैं, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।” वे सी.एम योगी आदित्यनाथ से ट्रांसजेंडरों को निष्कर्ष देने की मांग रखी गई।
क्या दिया?
देविका देवेंद्र एस मंगलामुखी ने बातचीत करते हुए कहा, “माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया था कि ट्रांसजेंडर को ओबीसी नॉन क्रीमी फाइलर में रखा जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य से ये है कि न तो उस क्रीमी क्लेयर का कुछ पता है, हम लोगों को हमारी जगह नहीं पता और कितना प्रतिशत हमें पता है हमें यह नहीं पता। पर जैसा कि मुझे लगता है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिस तरह की तत्परता दिखाई है, निकाय चुनाव में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए अलग से टिकटों को टिकट जाना चाहिए।”
कथक नृत्यसांगना ने कहा, “सिर्फ मेयर का खाता नहीं है, मुखिया और सभासदों के चयन में भी ट्रांसजेंडर को दस्तावेज मिलनी चाहिए। क्योंकि संविधान निहित है और सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है। मुझे लगता है कि हम तो लोग बागी हैं, आप स्तर नहीं दोगे तो हम स्तर ले लेंगे। लड़ाई शुरू हुई है, अभी संघर्ष की शुरुआत है, अभी तो कारवां बहुत बाकी है।”