उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश के औरैया (औरैया) जिले में एक दरोगा को एंटी करप्शन की टीम (एंटी करप्शन टीम) ने चौकी में ही 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों हाथों दबोचा है। इसके बाद दरोगा को अपने साथ औरैया कोतवाली ले जाया गया। दरअसल, घटना दारोगा आत्सु चौकी इंचार्ज हैं जो दहेज के एक मामले की जांच कर रहे थे। दरोगा इस मामले में जांच के दौरान फिल्टर से नाम निकालने के लिए दस हजार रुपये की देनदारी बना रहा था। इसके बाद अब पकड़े गए पंच दारोगा इस मामले को झूठ बता रहे हैं। साथ ही आप अपने आप को ब्लॅकसूर स्टेटमेंट्स देते हुए इसे एक षड़यंत्र बताया है और गलत तरीके से जुड़ने की बात कह रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कितनी सख्ती है इसे एक बार फिर औरैया जनपद में देखने को मिला है। यहां एक बार फिर से एंटी करप्शन की टीम ने एक दारोगा को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले रंगे हाथों पकड़कर जेल दिलाने का काम किया है। वहीं घटना दरोगा ने अपने आप को ब्लॅकसूर वृत्तांतों में अपने आप को विचित्र को इस साजिश का कारण बताया है। पत्रकार अपनी रिश्तेदारी के नाम दहेज की आशंका से मरने के लिए कह रहे थे, मैंने नाम नहीं हटाया उन्होंने मुझे फंसा दिया। इस मामले की जांच खुद सौ दारोगा सूर्य चंद्र कर रहे थे। सबसे बड़ी बात दारोगा जिस चौकी में रिश्वत लेना एंटी करप्शन की टीम के हाथों में है वह चौकी के चौकी का प्रभार भी थे।
दारोगा ने साजिश का आरोप लगाया
एंटी करप्शन टीम ने जिस शख्स को पकड़ा है वह कोई आम इंसान नहीं है, न ही कोई बड़ा अपराधी है, बल्कि यह शख्स यह न जाने अपराधियों को अपने हाथों से जेल की सजा के पीछे पहुंचेगा। इनका नाम सूर्या चंद्र है जो एक दरोगा है और अटसु चौकी का चौकी प्रभार भी है, लेकिन अब यह किसी मुजरिम के साथ पुलिस थाने में फोटो नहीं खिंचा रहे हैं, बल्कि खुद मुजरिम बन कर मीडिया को अपने आप को सूरज बता रहे हैं। ये कहते हैं कि एक पत्रकार मुझ पर पत्रकार प्रेसर बना रहे थे उनके एक रिश्ते के ऊपर दहेज का मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी जांच कर रहे थे और वह मैं के नाम निकालने का दबाब बना रहे थे। मना करने पर मुझको साजिश में फंस गया है। एंटी करप्शन टीम ने दस दरोगा को अपने साथ दाई पूछताछ के लिए ले गई।