इंदौर में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल इंदौर में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल आज पांचवें दिन है। हड़ताल के पांचवें दिन कर्मचारियों ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। धनास्थल पर विरोध स्वरूप मामला खिचड़ी और मामला चाय पर गया। महिलाओं ने करार पर करार स्लोगन लिखा। कार्यकारी स्वास्थ्य कर्मचारियों की सरकार से दो सूत्रीय मांग है। सैकड़ों की संख्या में डटे भ्रष्टाचार स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। महिलाओं ने हाथों पर मुट्ठी से ‘शौक नहीं मजबूरी है, यह हड़ताल जरूरी है’ स्लोगन लिख सरकार तक बात पहुंचाने का प्रयास किया।
विरोध स्वरूप ने महिलाओं के हाथ पर लगाने से लिखा स्लोगन
जमादार दिनेश साहू के मुताबिक अकेले इंदौर में 9 सौ अवैध स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मांग पूरी तरह नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी। महंगी से स्लोगन लिखने के बारे में पूछे जाने पर महिला स्वास्थ्य कर्मचारी रश्मि पांडे ने कहा कि अर्थ और संदेश सरकार में भेजकर जिम्मेदारों तक पहुंचाने का प्रयास है। आप बता दें कि लेखापरीक्षा कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की पांच दिनों से हड़ताल जारी है
स्वास्थ्य सेवा के लिए कर्मचारियों को रीढ़ की हड्डी माना जाता है। कोरोना वायरस आहत के बीच स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल ने शिवराज सरकार को संकट में डाल दिया है। लगातार स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण और साथियों की बहाली की मांग कर रहे हैं। इंदौर के मुख्यमंत्री का दफ्तर पांच दिनों से धरनास्थल बना है। कोरोना महामारी में लगातार दो साल तक संकट मोचक की भूमिका निभाने वाले प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मध्य प्रदेश में 32 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण सहित अन्य अन्य को लेकर हड़ताल पर हैं।
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