जयपुर समाचार: राजस्थान में बहुत दिन से सचिन पायलट का रास्ता बंद है। लेकिन अचानक से केंद्रीय स्मृति मंत्री ईरानी ने एक बड़ा दांव चल दिया है। जिसका पूरा लाभ उठाने के लिए पायलट गुट आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा कई मायने निकाले जा रहे हैं। वह राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व भी अडानी मामले को लेकर जोखिम में है। ऐसे में अब गहलोत सरकार के यहां कांग्रेस भी अडानी को लेकर बीजेपी पर हमला बोल रही है, लेकिन सरकार की वजह से सब कतराने लगे हैं। ईरानी के हमलों के बाद राजस्थान में सियासी स्थिति बदलने लगे हैं। है.बजट से पहले यहां पर राजनीतिक विस्तार बढ़ने के आसार हैं.
क्या कहा था स्मृति ईरानी ने
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ”दम है तो गहलोत (अशोक गहलोत) साहब पर कांग्रेस कार्रवाई करें। 60 हजार करोड़ का समझौता अडानी के साथ राजस्थान सरकार ने किया है। यूपीए के शासन में 72 हजार करोड़ का लोन दिया गया। स्मृति ईरानी ने कहा कि विश्व के दूसरे पहलू के सामने ये कह रहे हैं कि उन पर सीआर, एलआईसी, बहुत अधिक भरोसा है नहीं है.” इसके बाद से ही कांग्रेस का एनालॉग हो गया है. दिल्ली से लेकर राजस्थान तक कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है।
राजस्थान में अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट को लेकर शुरू से कांग्रेस का एक गुट-विरोधी है। अब जब कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे खुद बीजेपी पर हमला कर रहे हैं तो क्या राजस्थान में कांग्रेस इस पर नहीं बोलेगी? सूत्रों की माने तो बजट सत्र में अडानी का मामला तेज होता जा रहा है। अशोक गहलोत सरकार पर जहां बीजेपी हमलवार है। वहीं दूसरी तरफ अब पार्टी के अंदर सचिन पायलट का गुट भी हमला करने वाला है। इसकी पूरी तैयारी और रणनीति बनाई जा रही है।
क्या आलाकमान साथ देंगे
केंद्रीय मंत्री ईरानी के हमले के बाद अब सवाल उठ रहा है कि क्या सचिन पायलट गुट के लोगों को आलाकमान का साथ मिलेगा। जब आलाकमान ही अडानी पर हमला कर रहा है तो क्या यहां पायलट गुट को गहलोत पर हमला बोलने की इजाज़त मिल जाएगा। ऐसे में एक बार फिर प्रदेश में एक सियासी युद्ध छिड़ती दिखाई दे रही है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह ‘दांव’ पूरा सियासी गेम पलटेगा?
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