
UNITED NEWS OF ASIA. महत्वपूर्ण विधायी या राष्ट्रीय घटनाओं पर चर्चा के बुलाया जाता है विशेष सत्र. भारतीय संविधान में संसद के विशेष सत्र शब्द का कोई जिक्र नहीं
संविधान के अनुच्छेद 85(1) में संसदीय सत्र बुलाए जाने का जिक्र अनुच्छेद 85(1) के तहत ही विशेष सत्र भी बुलाया जाता है. अनुच्छेद 85(2A) के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का सत्र कभी भी और कहीं भी बुला सकते हैं. संसद का सामान्य या विशेष सत्र बुलाने का फैसला सरकार करती है.
संसदीय कार्यों पर बनी कैबिनेट कमेटी विशेष सत्र की तारीख और एजेंडा तय करती है. सत्र के लिए विपक्ष से राय लेने या पूछने की बाध्यता नहीं. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विशेष सत्र का नोटिफिकेशन जारी होता है. विशेष सत्र में प्रश्नकाल होगा या नहीं, यह सदन के स्पीकर या अध्यक्ष तय करते हैं.
कब-कब बुलाए गए संसद के विशेष सत्र
अब तक 11 मौके पर बुलाए गए संसद के विशेष सत्र
14 अगस्त, 1947
ब्रिटिश अधिकारियों से सत्ता हस्तांतरण से पहले आजादी की पूर्व संध्या को विशेष सत्र
8 नवंबर, 1962
भारत- चीन युद्ध पर चर्चा के लिए
सन 1972
स्वतंत्रता के 25 साल पूरे होने पर
फरवरी 1977
तमिलनाडु और नगालैंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए
13 मई 2012
भारतीय संसद की उद्घाटन बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए
जून 1991
हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए
1992
भारत छोड़ो आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए
26 सितंबर 1997
भारत की आजादी की स्वर्ण जयंती का उत्सव मनाने के लिए
2008
मनमोहन सिंह सरकार की ओर से बहुमत साबित करने के लिए
13 मई 2012
भारतीय संसद की उद्घाटन बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए
26 नवंबर 2015
डॉ बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए
30 जून 2017
जीएसटी बिल लागू करने के लिए मध्यरात्रि में संसद का विशेष सत्र
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