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भगवान राम की अटूट भक्ति: पीएम मोदी ने की रामनामी समाज की चर्चा

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान बिलासपुर के मोहभट्टा में आम सभा को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के एक अनूठे समुदाय, रामनामी समाज का विशेष रूप से जिक्र किया। यह वही समुदाय है जिसके लोग अपने संपूर्ण शरीर पर ‘राम’ नाम अंकित करवाते हैं। पीएम मोदी ने इस समाज की भक्ति और आस्था की सराहना करते हुए इसे भारतीय संस्कृति की एक अनमोल धरोहर बताया।

कौन है रामनामी समाज और क्यों लिखते हैं शरीर पर राम नाम?

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा और आसपास के क्षेत्रों में निवास करने वाला रामनामी समाज भगवान श्रीराम के प्रति अटूट श्रद्धा और भक्ति के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि इस समाज की स्थापना परशुराम नामक संत ने की थी। ये लोग भगवान राम को ही अपना आराध्य मानते हैं और उनकी उपासना को ही अपने जीवन का एकमात्र उद्देश्य मानते हैं।

रामनामी समाज की सबसे अनूठी पहचान यह है कि वे अपने पूरे शरीर पर ‘राम’ नाम का टैटू गुदवाते हैं। यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भगवान राम के प्रति उनकी गहरी आस्था और समर्पण का प्रतीक है। इनका मानना है कि शरीर पर राम नाम अंकित करने से वे जीवनभर प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त करते हैं।

लाखों की संख्या में फैला है यह समुदाय

रामनामी समाज छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और आसपास के जिलों में फैला हुआ है। इस समाज के लाखों अनुयायी सिर से लेकर पांव तक ‘राम’ नाम अंकित करवाकर अपनी भक्ति को प्रकट करते हैं। उनके लिए भगवान राम का नाम ही सबसे बड़ा आभूषण है।

रामनामी समाज के लोग न केवल अपने शरीर पर राम नाम अंकित करवाते हैं, बल्कि वे विशेष तरह की सफेद पोशाक पहनते हैं, जिस पर भी ‘राम’ नाम लिखा होता है। वे मोर पंखों से बनी टोपी पहनते हैं और हमेशा ‘राम राम’ का जाप करते रहते हैं।

पीएम मोदी ने क्यों किया इस समाज का जिक्र?

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इस समाज का जिक्र कर इसे भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि रामनामी समाज से हम सीख सकते हैं कि भक्ति और आस्था का सबसे बड़ा स्वरूप समर्पण होता है। यह समुदाय अपनी श्रद्धा को केवल मंदिरों तक सीमित नहीं रखता, बल्कि अपने जीवन में राम नाम को आत्मसात कर लेता है।

रामनामी समाज भारतीय धार्मिक परंपराओं और भक्ति की एक अनूठी मिसाल है। यह समुदाय बिना किसी भौतिक सुख-सुविधा की परवाह किए, केवल अपने आराध्य भगवान राम के नाम में जीवन व्यतीत करता है। पीएम मोदी द्वारा इस समाज का जिक्र करना इस बात को दर्शाता है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में इसकी विशेष भूमिका है।

 


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