मुंबई। शत्रुघ्न सिन्हा बॉलीवुड के ऐसे सितारे हैं जिन्होंने इंडस्ट्री में नाम कमाने के बाद राजनीति का रुख किया। इसलिए ही शत्रुघ्न सिन्हा एक अभिनेता के बाद सफल राजनेता भी बने। 15 जुलाई 1946 को बिहार के पूर्वी जिले में बने विनाशन सिंह कायस्थ परिवार से आते हैं। उनके 4 भाई सबसे छोटे शत्रुघन परिवार में सबसे लाड़ले और नटखट हैं। शत्रुघ्न के पिता भुवनारी प्रसाद सिन्हा समुदाय से डॉक्टर थे। भुवनेश्वरी के 4 पुत्र जिनके नाम राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन रखे गए हैं।
भुवनेश्वरी के 2 बेटों को साइंटिस्ट और 2 को डॉक्टर बनाना चाहते थे. शत्रुघ्न के 2 बड़े भाई साइंटिस्ट बन गए और एक बड़ा भाई डॉक्टर बन गया। शत्रुघ्न भी पढ़ाई में अच्छे थे लेकिन उनका मन शाररतों में ज्यादा लगता था। शत्रुघ्न सिन्हा को बचपन से ही मिमिक्री और अभिनय का शौक था। शत्रुघ्न ने पढ़ाई करने के बाद पुणे की फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखने का फैसला लिया। इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने साल 1970 में देवानंद की फिल्म प्रेम पुजारी में पहली बार अभिनय की थी। इस फिल्म में शत्रुघन सिन्हा ने पाकिस्तान आर्मी ऑफिसर की गोपनीयता थी।
अभिनय में हिट रहे शत्रुघन सिन्हा
इस फिल्म के बाद शत्रुघ्न ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शत्रुघ्न सिन्हा की पहली रिलीज फिल्म साजन थी जो 1969 में आई थी। इसके बाद गुलजार की पहली डायरेक्टेड फिल्म में मेरे भी शत्रुघ्न सिन्हा ने काम किया। साल 1973 में शत्रुघ्न सिन्हा ने अपना भविष्य वाइफ पूनम सिन्हा के साथ सब फिल्म में भी काम किया था। इसके बाद शत्रुघ्न ने अपने करियर में 100 से ज्यादा बड़ी फिल्में की हैं। इनमें से 1983 में आई तकदीर, शिव, 1982 में तीसरी आंख, सागर और 1982 में हथकड़ी, पर्यवेक्षक विशेष स्थिति में हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने 90 के दशक में फिल्मों से अपना करियर राजनीति में बनाने का फैसला किया। सब्सक्राइबर शत्रुघन सिन्हा के अजीज मित्र नीति के साथ बुराई का महत्व हुआ.
ये है काम की पूरी कहानी
वास्तव में शत्रुघ्न सिन्हा ने वर्ष 1992 में अपने पुराने दोस्त राजेश बेटियों के खिलाफ दिल्ली से उपचुनाव में पर्चा भर दिया। जब राजेश फाइलिंग के बारे में पता चला तो उन्हें काफी बुरा लगा। राजेश बेटियां कांग्रेस की तरफ चुनाव लड़ रही थीं। उसी समय शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा की तरफ से गए थे। हालांकि इस चुनाव में राजेश जेटली 25 हजार वोटों के अंतर से जीत गए थे। लेकिन फिर भी उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा से बुराई मान ली थी। इसके बाद लक्ष्यीकरण ने शत्रुघन सिन्हा से मरते दम तक बात नहीं की। शत्रुघ्न सिन्हा ने कई बार कोशिश भी की लेकिन राजेश बेटियों ने उन्हें माफ नहीं किया।
शत्रुघ्न सिन्हा ने खुद सुना किस्सा
कुछ समय पहले टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए साक्षात्कार में शत्रुघन ने उल्लेख किया था। जिसमें शत्रुघ्न ने बताया कि, ‘हमारी दिल्ली चुनाव में सियासी लड़ाई हुई थी। इस बात को लेकर राजेश यूजर्स काफी नाराज हो गए थे। उन्होंने मुझे माफ नहीं किया। इसके बाद मैंने कई बार जोखिम लेने की कोशिश भी की लेकिन उन्होंने माफ नहीं किया।’ बाद में यही किस्सा शत्रुघ्न सिन्हा के साथ भी संकल्प करता है। शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ भी सुमन ने चुनाव लड़ा था। साल 2014 में हुए चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा पाटिलपुत्र सीट से मैदान में थे। लुकाछिपी से शेख सुमन ने भी पर्चा भर दिया। हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा यह चुनाव जीत गए थे। वहीं शेख सुमन को इसमें हार का सामना करना पड़ा था।
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पहले प्रकाशित : 27 फरवरी, 2023, 10:15 IST