
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा/राजनांदगांव. जिले में यंग युवक युवतियों के गुमशुदगी के कई मामले दर्ज है। राजनांदगांव शहर के रेलवे प्लेटफार्म में असहज रूप से बैठी कवर्धा की 16 युवतियों को चेकिंग के दौरान रेल सुरक्षा बल राजनांदगांव द्वारा सखीं सेंटर में संरक्षण हेतु सुपुर्द किया गया था। जिन्हें उनके परिजनों के आने पर परिजनों को सौंप दिया गया है। सभी युवतियां कवर्धा जिले की निवासी है।
राजनांदगांव शहर के रेलवे स्टेशन में बीते 8 जून को रात्रि असहज रूप से बैठी 16 युवतियों के संबंध में जानकारी मिलने पर रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने युवतियों से पूछताछ की तो अपनी यात्रा की लेकर युवतियों ने अलग-अलग जवाब दिये। जिसके बाद इसकी सूचना महिला संरक्षण आयोग के अधिकारी को दी गई। मामला स्पष्ट नहीं होने से सभी युवतियों को सखीं सेंटर को सौंप दिया गया। इसके बाद उनके परिजनों के राजनांदगांव पहुंचने के बाद सखीं सेंटर से युवतियों को परिजनों को सौंपा गया है। इस मामले में सखीं सेंटर की केन्द्र प्रशासक गायत्री साहु ने कहा कि 16 युवतियों को सुरक्षित आश्रय के लिए सखीं सेंटर लाया गया था। उनके अभिभावकों के आने पर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है।
युवतियों के साथ उनको ले जाने वाले जिस युवक को पकड़ा गया था उसकी हरकतें संदेहजनक लग रही थी। युवक भी कबीरधाम जिले के बघर्रा का रहने वाला है। युवक को थाने में बैठा कर पूछताछ किया गया जिसमे युवक ने सिलाई ट्रेनिग के लिए ले जाना बताया. पकड़ा गया युवक युवतियों को रात्रि के समय ट्रेन में बैठा कर ले जाने की तैयारी में था। पूरे मामले में अभी जांच जारी है । उमेश कुमार चंद्राकर पिता मनहरन चंद्राकर निवासी बघर्रा जिला कबीरधाम का बताया जा रहा है।
16 युवतियों को एक साथ स्टेशन पर बैठी आरपीएफ महिला बल द्वारा उनसे पूछताछ किया गया , जिस पर उनके द्वारा बताया गया कि वे तमिलनाडु में काम करने जा रही है । कुछ लड़कियों ने बताया कि वह बेंगलुरु जा रही है , उनकी ट्रेन आने का समय लगभग साढ़े 12 बजे है । सभी लड़कियां अलग- अलग जवाब दे रही थी। युवतियों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं देने की वजह से मामला संदिग्ध लगा और सभी युवतियों को रोक कर परिजनों को सौंप गया। इनमें 18 वर्ष से लेकर 23 वर्ष के बीच सभी युवतियां शामिल थी। सभी कम उम्र होने के चलते मामले को गंभीरता से लिया गया। युवतियां किसके साथ या किसके कहने पर अन्य राज्यों में जा रही थी। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इस पूरे मामले को लेकर सभी पहलुओं को दृष्टिगत रखते हुए जांच पड़ताल की जा रही है।
कबीरधाम जिले के इन गांवों से थी लड़कियां
कुकुदूर थाना क्षेत्र अंतर्गत कामठी, कंठी, पिपरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मानिकचौरी, केजेदाहा, सीघनपुरी, लोहारा गंगापुर, उड़िया कला सहित पंडरिया प्रतापपुरी की युवती शामिल है। युवतियों को जहां उनके परिजन अपने साथ ले जाने के लिए राजनादगांव आ चुके हैं। वहीं, बहुत से युवतियों को उनके परिजन घर ले जा चुके हैं।
5 युवतियों कों कबीरधाम पुलिस ने किया परिजनों के हवाले
राजनांदगांव सखी सेंटर के आश्रय में रखी गयी 16 युवतियों में से 11 कों राजनांदगांव सखी सेंटर से परिजनों के हवाले किया गया वही 5 कों कबीरधाम पुलिस कवर्धा लाकर परिजनों के हवाले किया.
इन सब में एक बड़ा सवाल आखिर 16 युवतियों कों महज 21 साल का युवक सिलाई कार्य के लिए आखिर कौन सी ट्रेनिग दिलाने ले जा रहा था जो छत्तीसगढ़ में संभव नहीं है, शंका कों जन्म देती है ?
चलो मान लिया जाये के जिले मानव तस्करी नहीं है … लेकिन यदि बीते डेढ़ वर्ष में जिले के गुमशुदा युवतियों/ महिलाओं की बात किया जाये जो अब तक नहीं मिले हैं कि संख्या 160 है.. ??
DATA SOURCE : SAMADHAN CG POLICE APP
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