UNITED NEWS OF ASIA. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के ग्राम लोरहीडीह में एक के बाद एक हुई तीन मौतों के बाद मचे घमासान के बाद प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एक्शन लिया है। सरकार ने तीन लोगो की मौत के बाद प्रशासनिक विफलता के आरोपो से घिरे कलेक्टर और एसपी को जिले से हटा दिया है। जिलाधीश जन्मजय महोबे और पुलिस कप्तान अभिषेक पल्लव की जगह नए कलेक्टर गोपाल वर्मा और एसपी के रूप में राजेश अग्रवाल की नियुक्ति की है साथ ही मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी जारी किए है।
गौरतलब है कि 15 सितंबर को इस घटना के बाद रेंगाखार थाना प्रभारी सहित थाने में पदस्थ सभी 23 पुलिसकर्मियों को थाने से हटा दिया है। गौरतलब है कि कचरू साहू की हत्या के शक में ग्रामीणों ने बीजेपी नेता और गांव के उपसरपंच रघुनाथ साहू के घर आग लगा के उसे जिंदा जला दिया था। आगजनी की घटना के 16 घंटे बाद रघुनाथ के शव का जलता हुआ वीडियो भी सामने आया था।
मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी स्पोटर रघुनाथ साहू और शिवप्रकाश के बीच पुराना विवाद था और इनकी आपस में पुरानी रंजिश थी। जबकि शिव प्रकाश के कांग्रेस पार्टी से कनेक्शन था । इसलिए पुलिस इस पूरे प्रकरण में राजनैतिक एंगल की संभवाना से भी इंकार नही कर रही है और मोबाइल काल डिटेल के माध्यम से पालटिकल एंगल भी तलाशने में जुटी हुई है.?
इन सब के बीच प्रशांत की न्याययिक रिमांड पर संदिग्ध मौत ने पुरे मामले को पलट कर रख दिया .. दो लोगों की मौत के बाद प्रशांत की मौत से एक बार फिर कवर्धा की आबो हवा को बदल कर रख दिया .. समाज विशेष के प्रबुद्ध जनों ने पुरे मामले को करीब से देखा और जो बताया उसे लिख कर बताया ही नहीं जा सकता है …
वही भीड़ द्वारा जिंदा जलाए गए रघुनाथ का एक पुराना वीडियो भी सामने आया है जिसमे वह कांग्रेसी नेता मो. अकबर की हार के बाद बीजेपी नेताओं के समर्थन में नारा लगाते हुए एक गीत गा रहा है। इसलिए गलियारों में चर्चा है क्या इस प्रकरण के पीछे है कोई राजनैतिक कनेक्शन ..?
कई लंबित अपराधिक मामलों के बावजूद आखिर प्रशासन क्यों सोते रही ..? आखिर क्यों गाँव के लोगो को मिलकर कानून को अपने हाथ में लेना पड़ा ..? क्या प्रशांत को पुलिसिया रुआब और ईगो के चलते मार डाला गया ..?
जो भी हो कानून का राज है साहब !