
UNITED NEWS OF ASIA. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तीन नेताओं को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने से राजनीतिक गलियारों में इन नियुक्तियों को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद 2018 में मिली करारी पराजय के बावजूद डॉ. रमन सिंह को साढ़े 4 साल पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था.
अब उसी पद पर पुनः नियुक्ति के साथ दो महिला नेतृत्व को उनके समकक्ष खड़ा कर दिया गया है. जिसमें सरोज पांडे जो पहले राष्ट्रीय महासचिव थी एक तरह से उनका डिमोशन करते हुए उपाध्यक्ष बनाया गया है और पूर्व मंत्री लता उसेंडी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर रमन और सरोज के समकक्ष खड़ा किया गया है. भाजपा में उपाध्यक्ष का पद महासचिव जितना महत्वपूर्ण नहीं होता.
राष्ट्रीय स्तर पर कुल 38 पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है जिसमें 13 नए उपाध्यक्ष बनाए गए हैं उन 13 में से 3 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अकेले छत्तीसगढ़ से बनाए जाने पर भी जानकारों को बेहद हैरानी हो रही है.उससे भी ज्यादा हैरानी तब हो रही है जब डॉक्टर रमन सिंह का कद कम करने के लिए लता उसेंडी और सरोज पांडे को उनके समकक्ष पदाधिकारी बनाया गया है.
दरअसल डॉक्टर रमन सिंह पिछले कुछ समय से अचानक छत्तीसगढ़ की राजनीति में ज्यादा सक्रियता दिखाने लगे थे जबकि मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया वाद की राजनीति ज्यादा प्रभावी हो चुकी है. ऐसे में छत्तीसगढ़ की मौजूदा कांग्रेस सरकार की ओर से डॉ रमन सिंह के ऊपर तीखे आरोप लगाते हुए उनके पुराने कार्यकाल को याद दिलाने के साथ उन पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की उपेक्षा के भी आरोप लगाए जाते रहे हैं .

जबकि छत्तीसगढ़ में भाजपा ने एक नई टीम खड़ी की है. जिसका मुख्य चेहरा प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव हैं. उनकी टीम के औसत 56 वर्ष की आयु वाले पदाधिकारी बनाए गए हैं . ऐसे माहौल में डॉक्टर रमन सिंह की सक्रियता से कहीं ना कहीं भाजपा का 2018 में छत्तीसगढ़ का मिशन शेर होता नजर आ रहा था. जिसे ध्यान में रखते हुए डॉ रमन सिंह को दोबारा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर उनके समकक्ष दो अन्य महिला नेत्री उनको खड़ा करते हुए गहरे राजनीतिक संकेत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दिए हैं.
राज्यसभा सांसद सरोज पांडे इससे पहले राष्ट्रीय महासचिव और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी है ! जिनका राज्यसभा का कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त हो रहा है उनके समकक्ष लता उसेंडी के रूप में एक आदिवासी महिला नेत्री के रूप में खड़ा कर बस्तर की राजनीति को भाजपा के पक्ष में करने की कोशिश की गई है.
कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ से एक साथ तीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर तीनो ही नेताओं को विधानसभा की टिकट नहीं देने के संकेत भी स्पष्ट किए गए हैं ! मौजूदा समय में डॉक्टर रमन सिंह राजनांदगांव से विधायक है ! जबकि सरोज पांडे और लता उसेंडी विधान सभा की टिकट पाने की जुगत में लगी थी !



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