नमस्कार एक बार हम फिर हाजिर है खबरों के सटीक विश्लेषण को लेकर । छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों में खींच तान शुरू हो गई है। लेकिन इन सब के बीच महत्वपूर्ण बात है की इस बार छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी । छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने पिछली चुनाव में बड़े मुद्दे किसानों की कर्जमाफी को लेकर फतह हासिल की। लेकिन इस बार के चुनाव में छत्तीसगढ़िया वाद और जातिगत समीकरण को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपना दमखम दिखा रही है ।
जिसमे स्वयं प्रधानमंत्री मोदी भी छत्तीसगढ़िया वाद से अपने आप को नहीं बचा पाए है । कोरबा की सभा में जिस तरह उन्होंने संबोधित किया । यह तो स्पष्ट हो गया है चुनाव में इस बार जातियों की ध्रुवीकरण पर चुनाव होना तय है ।
आइए अब बात करते है उस मुद्दे पर जिसपर ये तय है की छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी । छत्तीसगढ़ की विधानसभा में 90 में से 39 सिट आरक्षित है। जिसमें अनुसूचित जनजाति की 29 और अनुसूचित जाति की 10 सीट आरक्षित है ।
हमने इन सीटों का अध्ययन किया तो पाया कि इनमें से आठ सीट कभी भी रिपीट नहीं होती । अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षी सीटों के मतदाता कभी एक तरफ भाजपा को तो कभी एक तरफ कांग्रेस को अपना वोट देते हैं मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 10 में से साथ अनुसूचित जाति क्षेत्र की आरक्षित विधानसभा सीट है ।
2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 10 में 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। दो सीटों पर भाजपा और एक सीट पर बसपा के उम्मीदवार को जीत मिली थी। जबकि 2013 में भाजपा 9 सीटों पर और कांग्रेस केवल एक सीट जीत सकी थी। बता दें कि 2003 में भी एससी वर्ग के लिए दस सीटें ही रिजर्व थीं लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद रिजर्व सीटें बदल गईं। इसलिए समरूपता के आधार पर 2008 से 2018 तक के तीन चुनाव महत्वपूर्ण रहे हैं। इन सीटों से जीते हुए उम्मीदवारों को सत्ता में भी पर्याप्त भागीदारी मिलती रही है ।
इस बार यानी 2023 का विधानसभा चुनाव जातिगत समीकरण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है ! क्योंकि भाजपा के चाणक्य समझे जाने वाले अमित शाह सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को विशेष महत्व दे रहे हैं ।
भाजपा ने 2023 के विधान सभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची में 21 में सिर्फ एक ही सामान्य वर्ग का प्रत्याशी मैदान में उतारा है ! इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में आरक्षित सीटों पर दोनों ही दल काफी सोच विचार कर अपने-अपने प्रत्याशी उतारेंगे ।